देहरादून: गुरूवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिजली व पेयजल की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों को पेयजल उपलब्ध करवाना सरकार का सर्वोच्च दायित्व है। इसके लिए हरसम्भव उपाय किया जाए। इस बारे में किसी तरह की कोताही बरदाश्त नहीं की जाएगी।
विशेष रूप से देहरादून में बिजली न रहने से पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। सीएम ने पम्पिंग स्टेशनों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। सचिव ऊर्जा जिलों से बिजली की स्थिति पर लगातार फीडबैक लें। ऊर्जा व पेयजल विभागों के अधिकारी परस्पर समन्वय से काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में बिजली लाईन शिफ्टिंग के लिए अधिकारियों को समझदारी से काम लिया जाना चाहिए था। हालांकि बिजली लाईन शिफ्टिंग का काम भी जरूरी था, परंतु इसे गलत समय पर प्रारम्भ किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल विभाग आवश्यकतानुसार जनरेटरों की व्यवस्था करे। सचिव ऊर्जा डा.उमाकांत पंवार ने बताया कि लाईन शिफ्टिंग के काम को स्थगित कर दिया गया है। प्रदेश में विद्युत उत्पादन की समस्या नहीं है। मई माह में बिजली का उत्पादन विगत वर्षों की तुलना में अधिक है। यदि रामगंगा में उŸार प्रदेश कुछ अधिक पानी छोड़ने को तैयार होता है तो अतिरिक्त बिजली पैदा की जा सकती है। सीएम ने कहा कि वे उŸारप्रदेश सरकार से इस बारे में बात करेंगे। पेयजल विभाग द्वारा बताया गया कि जनरेटर हायर करने का काम प्रारम्भ कर दिया गया है। पेयजल आपूर्ति में अब काफी सुधार हुआ है।