नई दिल्ली: केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री बीरेंद्र सिंह, जो इंग्लैण्ड और लक्सेम्बर्ग के तीन दिवसीय दौरे पर थे, ने दोनो देशों की कंपनियों और व्यापारियों से भारत में निवेश करने और भारत की विकास गाथा में भागीदार बनने का न्यौता दिया। इस्पात मंत्री के साथ इस्पात मंत्रालय और सेल के वरिष्ठ अधिकारी इस दौरे में शामिल थे जो दिल्ली वापसी के साथ कल समाप्त हो गया। इस्पात मंत्री लक्सेम्बर्ग के उप प्रधानमंत्री श्री Etienne Schneider से मिले। इस मुलाकात में दोनों ओर से वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे और दोनों देशों में परस्पर सहयोग के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई । श्री सिंह ने इस्पात उद्योग के परिप्रेक्ष्य में लक्सेम्बर्ग की महत्ता का जिक्र किया और भारत के व्यापार संबंधों में गहन रुचि के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने लक्सेम्बर्ग सरकार और कंपनियों से भारत में व्यापार के और अवसर तलाशने का अनुरोध किया और भारत सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया ।
दौरे के दौरान श्री सिंह मैसर्स पॉलवूर्थ और आर्सेलर मित्तल के कार्यालयों में गए और उच्च अधिकारियों से मुलाकात की। इन बैठकों में उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा भारत में व्यापार को सुगम बनाने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस्पात मंत्री ने भारत में इस्पात उद्योग के लिए अपने विज़न को साझा किया । श्री सिंह ने कहा कि इस्पात उद्योग की सतत प्रगति के लिए अनुसंधान और विकास प्रमुख कारक है। उन्होंने कहा कि इस्पात निर्माताओं को पहल लेनी होगी और स्टील उद्योग के लाभों को प्रदर्शित करने के लिए नवीन परियोजना पर काम करना होगा। श्री सिंह ने दोनों कंपनियों को इसे संभव बनाने के लिए योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने आगे कहा कि तकनीक और विकास के क्षेत्र में परस्पर सहयोग, सभी भागीदारों के लिए लाभकारी होगा जैसे कि सेल और आर्सेलर मित्तल के संयुक्त उद्यम के उदाहरण से स्पष्ट है।
इससे पूर्व दौरे के पहले दिन श्री बीरेंद्र सिंह ने “स्वतंत्रता के पूर्व समय में सर छोटूराम के योगदान पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन” में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया । उन्होंने विदेश में बसे भारतीयों से विस्तार से चर्चा की और उन्हें भारत की उन्नति और विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया ।