25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत विगत 05 वर्षों में 60 लाख से अधिक छात्रों के नामांकन में वृद्धि हुई: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज प्रदेश जो कुछ करने में सफल है, उसके पीछे प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन एवं नेतृत्व ही सबसे बड़ा सम्बल है। इसके कारण आज उत्तर प्रदेश बीमारु राज्य की श्रृंखला के उठकर एक स्वावलम्बी और समर्थ प्रदेश बनने की ओर अग्रसर हुआ है। देश एवं प्रदेश को नेतृत्व एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रदेश की 25 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि गरीब, किसान, मजदूर, युवा, महिला सहित सभी वर्गों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री जी ने ‘सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का जो मंत्र दिया है, वह देश में सर्वस्पर्शी तथा सर्वसमावेशी विकास का आधार बना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर भारत अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण करेगा। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्षन में पूरा देष इस ऐतिहासिक अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। वर्ष 2047 का भारत कैसा होगा, इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने आगामी 25 वर्ष के काल खण्ड को ‘अमृत काल’ निर्धारित करते हुए, नवीन संकल्प के साथ नए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी देशवासियों से अथक परिश्रम करने का आह्वान किया है। इस दृष्टि से यह बैठक अत्यन्त प्रासंगिक हो गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत दो वर्षाें में वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा समय से लिये गये निर्णयों के फलस्वरूप देश में जीवन और जीविका को सफलतापूर्वक बचाया गया। उनके नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार करते हुए मात्र 18 महीने की अवधि में देशवासियों को रिकॉर्ड 200 करोड़ कोविड वैक्सीन का सुरक्षा कवच प्रदान करने में सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश 35 में करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 में कार्यभार ग्रहण करने के तत्काल बाद प्रधानमंत्री जी ने नये भारत के निर्माण के अपने संकल्प को मूर्तरूप देना प्रदान कर दिया था, जिसके अभिनन्दनीय परिणाम सभी के सामने हैं। विगत 08 वर्षाें में उन्होंने सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के प्रति समर्पित होकर जो कार्य किया, वह देशवासियों के जीवन मे व्यापक परिवर्तन का कारक बना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के देश की 05 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को पूरा करने में सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन यू0एस0 डॉलर का आकार देने का संकल्प लिया है। इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रहे हैं। कोरोना काल के बावजूद प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने में सफलता मिली। आगामी 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश 01 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करने में भी सफल होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश और प्रदेश की जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा आजीविका के लिए कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों पर निर्भर है। किसानों को खुशहाल बनाकर ही देश को समृद्ध किया जा सकता है। इसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी ने किसानों की आय को दोगुना करने का निर्णय लिया है। किसानों को योजनाओं का प्रभावी और सुचारु ढंग से लाभ दिलाने के लिए प्रदेश सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर ढांचे को सुदृढ़ कर रही। प्रदेश में डिजिटाइज्ड कृषक डेटाबेस में 3.3 करोड़ कृषक पंजीकृत है। विगत 05 वर्ष में इन किसानों को लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं में वितरित किये गये है। डी0बी0टी0 के माध्यम से अनुदान वितरित करने वाला उत्तर प्रदेश, देश का अग्रणी राज्य है। कृषकों के डेटाबेस को भू-अभिलेखों से जोड़ने की कार्यवाही 15 अगस्त, 2022 तक पूर्ण कर ली जाएगी। प्रदेश में सिंचाई की सुविधा में विगत 05 वर्ष में 21 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में अतिरिक्त की वृद्धि हुई है। ‘पी0एम0 कुसुम योजना’ के अन्तर्गत अभी तक 10,000 से अधिक किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध कराए गये हैं। भू-मानचित्रों के जियो-रेफरेन्स्ड डिजिटाइजेशन तथा रियल टाइम अपडेशन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बुआई के सटीक आंकड़े हेतु ऐप आधारित सर्वेक्षण प्रणाली विकसित की जा रही है ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों में गो-आधारित खेती की योजना स्वीकृत की गयी है। इसके अन्तर्गत इस क्षेत्र के प्रत्येक विकास खण्ड में 500 हेक्टेयर में गो-आधारित खेती का लक्ष्य है। नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत गंगा जी के तट पर पड़ने वाले 27 जनपदों के 105 विकास खण्डों में गो-आधारित खेती का कार्य किया जाना है। राज्य सरकार प्रत्येक विकास खण्ड में इस वर्ष तक कम से कम एक कृषि उत्पादक संगठन गठित करने हेतु संकल्पबद्ध है। प्रदेश में अब तक 1,322 कृषि उत्पादक संगठन क्रियाशील है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार दलहन एवं तिलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है। राज्य में आगामी 05 वर्ष (2026-27) में दलहन का उत्पादन 25 लाख टन से बढ़ाकर 35 लाख टन तथा तिलहन का उत्पादन 22 लाख टन से बढ़ाकर 31 लाख टन करने का लक्ष्य है। इसके लिए आच्छादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जाएगी। प्रदेश के 04 कृषि विश्वविद्यालय तथा विगत 05 वर्षों में स्थापित 20 नये कृषि विकास केन्द्रों सहित सभी 89 कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों को नवीनतम कृषि जानकारी दे रहें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार का सबसे बड़ा अभियान है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों की प्रतिभा निखारने, उन्हें कुशल तथा आत्मविश्वास से भरपूर बनाने पर जोर है। 150 वर्ष बाद भारतीयता के मूल आधार की शिक्षा नीति बनी है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को विचार, बौद्धिकता और कार्य-व्यवहार से भारतीय बनाना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से 19 पैरामीटर्स में
1.42 लाख विद्यालयों को 2019 के बेसलाइन 38 प्रतिशत से अब तक 83 प्रतिशत तक संतृप्त किया गया है। आगामी 02 वर्ष में सभी विद्यालय संतृप्त किये जाएंगे। प्रदेश में ‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत विगत 05 वर्षों में 60 लाख से अधिक छात्र नामांकन में वृद्धि हुई है। लगभग 04 लाख आउट ऑफ स्कूल बच्चों को ‘शारदा’ कार्यक्रम तथा 2.5 लाख से अधिक दिव्यांग बच्चों को ‘समर्थ’ कार्यक्रम के अन्तर्गत ऑनलाइन ट्रैक करते हुए मुख्यधारा से जोड़ने हेतु गतिविधियां गतिमान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत 1.91 करोड़ विद्यार्थियों को यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी क्रय हेतु प्रति विद्यार्थी 1,200 रुपये की धनराशि उनके अभिभावकों के बैंक खाते में डी0बी0टी0 द्वारा अन्तरित की गयी है। प्रदेश में ‘पहुंच’ पोर्टल के माध्यम से माध्यमिक विद्यालयों की जी0आई0एस0 मैपिंग एवं असेवित क्षेत्रों का चिन्हीकरण, ‘पहचान’ पोर्टल के माध्यम से 28,000 माध्यमिक विद्यालयों का वेब-पेज तैयार किया गया है। प्रज्ञान’ पोर्टल से पुस्तकालयों में पुस्तकें डिजिटाइज करायी जा रहीं। ‘प्रवीण योजना’ के तहत विद्यालय पाठन समय में ही ‘कौशल विकास मिशन’ के अन्तर्गत माध्यमिक छात्रों हेतु सर्टिफाइड कोर्सेज की व्यवस्था की गयी है। राजकीय एवं अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए निःशुल्क कैरियर काउंसिलिंग पोर्टल ‘पंख’ विकसित किया गया है। साथ ही ‘परख’ पोर्टल द्वारा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शैक्षिक मानदण्डों तथा अवस्थापना सुविधाओं की ग्रेडिंग भी की गयी है ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में विगत 05 वर्षाें में प्राथमिक विद्यालयों में 1.25 लाख शिक्षकों की नियुक्ति एवं माध्यमिक विद्यालयों में 40,402 अध्यापकों की भर्ती की गयी है। जबकि पूर्व के 15 वर्षों में मात्र 33,000 भर्ती हुई थी। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए संस्कृत के शिक्षक एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को मानदेय पर रखने की व्यवस्था की गयी है। मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से 06 लाख से अधिक शिक्षकों के सेवा सम्बन्धी विवरण की ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है। ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यमों से शिक्षकों का प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है। राज्य में विश्व की सबसे बड़ी बोर्ड परीक्षा का नकलविहीन, शुचितापूर्ण एवं पारदर्शी ढंग से आयोजन सम्पन्न कराया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 में लागू किया गया। पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर पाठ्यक्रम 2022-23 से लागू होगा। साथ ही, प्रदेश में ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, पर्यावरण विज्ञान जैसे रोजगारपरक न्यू ऐज कोर्सेज एवं टेªड्स का संचालन कया जा रहा है। प्रदेश सरकार आई0आई0टी0 कानपुर में ड्रोन टेक्नोलॉजी के सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना कर रही है। संस्कृत भाषा के छात्रों के लिए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के सहयोग से ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। इसमें ज्योतिष, कर्मकाण्ड, वास्तुशास्त्र की जानकारी देकर अर्चक पुरोहित प्रशिक्षित किये जा रहे हैं। प्रदेश में स्टार्टअप नीति के अन्तर्गत 10 विश्वविद्यालयों, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं ए0के0टी0यू0 के घटक संस्थानों में 15 इन्क्यूबेटर्स तथा 01 इनोवेशन हब स्थापित किये गये हैं। उच्च शिक्षा लाइब्रेरी तथा यू-राइज के माध्यम से छात्रों को उच्च स्तरीय पाठ्य सामग्री भी ऑनलाइन उपलब्ध है। 120 शासकीय कॉलेजों में ई-लर्निंग पार्क्स स्थापित किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विद्यार्थियों के तकनीकी सशक्तीकरण हेतु राज्य सरकार के उच्च शिक्षण संस्थानों के लगभग 12.5 लाख विद्यार्थियों को स्मार्टफोन व टैबलेट वितरित किये गये हैं। आगामी 05 वर्षाें में 02 करोड़ स्मार्टफोन व टैबलेट वितरित करने का लक्ष्य है। प्रदेश में 08 नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। 59 शासकीय महाविद्यालय एवं 04 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माणाधीन हैं। राज्य विश्वविद्यालयों में 18 शोध पीठ, 91 सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस तथा सभी विश्वविद्यालयों में शोध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ स्थापित की गई है। इनमें भारतीय ज्ञान परम्परा और आधुनिक/प्रासंगिक विषयों पर शोध हो रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ‘ए$$’ ग्रेड तथा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ‘ए’ ग्रेड मिला है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए शहरों को निवेश आकर्षित करते हुए रोजगार सृजन में वृद्धि कर ‘ग्रोथ इंजन’ के रूप में आगे ले जाने की विस्तृत कार्ययोजना पर कार्य चल रहा है। प्रदेश में शहरी आबादी को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवास, जलापूर्ति, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, वायु गुणवत्ता व प्रदूषण नियंत्रण, आजीविका, यातायात तथा स्लम पुनर्वास की ओर पूरा ध्यान दिया गया है। म्युनिसिपल वित्त, नगर नियोजन, प्रशासनिक संरचना एवं नागरिक केन्द्रित प्रशासन के क्षेत्र में भी प्रदेश द्वारा प्रभावी कार्य किया गया है। विगत 05 वर्षाें में 97 नये नगर निकाय सृजित एवं 97 नगर निकायों के दायरे में वृद्धि हुई है। अब प्रदेश में 751 नगर निकाय, जिनमें 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद तथा 535 नगर पंचायत शामिल हैं। 17 नगर निगमों में जी0आई0एस0 सर्वेक्षण प्रगति पर प्रगति पर है। इससे गृह कर संग्रह में चालू वित्तीय वर्ष के अन्त तक दोगुनी वृद्धि सम्भावित है। लखनऊ नगर निगम द्वारा 200 करोड़ रुपये तथा गाजियाबाद नगर निगम द्वारा 150 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉण्ड जारी किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 181 स्थानीय निकायों के पास अपने मास्टर प्लान उपलब्ध हैं। अमृत योजना में 112 शहरों के जी0आई0एस0 बेस्ड मास्टर प्लान बन रहे, 59 शहरों के ड्राफ्ट तैयार हैं। ‘ई-नगर सेवा पोर्टल’ के माध्यम से सम्पत्ति नामान्तरण तथा गृह कर एसेसमेंट की ऑनलाइन सेवा प्रारम्भ की गई है। भारत सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन में चयनित 10 शहरों सहित राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के 07 शहरों का तेजी से विकास हो रहा है। इनके अनुभव के आधार पर अन्य शहरों में भी स्मार्ट अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर लाने हेतु राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों को 10 सेक्टरों में विभाजित कर सेक्टरवार कार्ययोजना तैयार की गयी है। इसके लिए सेक्टरवार वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के आलोक में तथा विभिन्न देशों की सर्वोत्तम पद्धतियों को अपनाये जाने हेतु डेलॉयट इण्डिया को कन्सल्टेंट के रूप में चयनित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी परिवारों को रोजगार के अवसर तथा आय उपार्जन के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने तथा लाभार्थीपरक योजनाओं के बेहतर प्रबन्धन व पारदर्शी संचालन के उद्देश्य से परिवार कल्याण योजना प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में अध्यासित परिवारों की परिवार आई0डी0 बनाते हुए रोजगार से वंचित परिवारों को प्राथमिकता पर रोजगार के समुचित अवसर उपलब्ध कराये जाएंगे। आकांक्षात्मक जनपदों की भांति प्रदेश में 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों का चयन करते हुए निर्धारित मानकों पर उनका तेज गति से विकास कराया जा रहा है। इसके लिए ‘मुख्यमंत्री डेवलपमेंट फेलोशिप कार्यक्रम’ के माध्यम से आकांक्षात्मक विकास खण्डों के लिए 100 विकासाग्रहियों का चयन किया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन से युवाओं को सरकार के साथ नीति-निर्माण, प्रबन्धन, क्रियान्वयन आदि में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्राप्त होगा तथा इन विकास खण्डों में संचालित विभिन्न योजनाओं को लागू करने में युवाओं के अभिनव और नवीन दृष्टिकोण का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 100 आकांक्षात्मक शहरों के चयन के मानक निर्धारित करने हेतु नीति आयोग का सहयोग लिया जा रहा है। पी0एम0 गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा कार्यवाही शीघ्रता से पूरी कर इसका लाभ परियोजनाओं के नियोजन में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 05 वर्षों में हर स्तर की कनेक्टिविटी का विस्तार हुआ है। पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे लोकार्पित की जा चुकी है। गोरखपुर लिंक/बलिया लिंक एवं गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है। प्रदेश के 05 शहरों में मेट्रो रेल सुविधा दी जा रही है। साथ ही, 09 एयरपोर्ट संचालित हैं एवं 05 शीघ्र शुरू हो जाएंगे। वर्तमान में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट संचालित, 02 निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों को 4-लेन, तहसील व ब्लॉक मुख्यालयों को 2-लेन मार्ग से जोड़ा जा रहा। देश का पहला राष्ट्रीय जल मार्ग वाराणसी से हल्दिया तक संचालित है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More