लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद गोरखपुर स्थित श्री गोरक्षनाथ मन्दिर सभागार में आयोजित बैठक में अधिकारियों को मकर संक्रान्ति मेले की सभी तैयारियां दिसम्बर, 2019 के अन्त तक पूरी कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नव वर्ष के पहले दिन से ही मन्दिर में बड़ी संख्या में लोग आने लगते हैं, इसलिए भीड़ को नियंत्रित करने तथा जाम से मुक्ति दिलाने के लिए पुलिस प्रषासन द्वारा वाहन पार्किंग, प्रकाश एवं साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नेपाल एवं बिहार राज्यों से भी लोग खिचड़ी चढ़ाने के लिए आते हैं, इसके दृष्टिगत सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध कर लिए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने मेले में चेन स्नैचिंग एवं छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने हुए महिला पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सी0सी0टी0वी0 कैमरों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने नगर निगम को साफ-सफाई व मोबाइल षौचालय आदि की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन शौचालयों की नियमित साफ-सफाई भी कराई जाए। नगर निगम द्वारा मेला क्षेत्र में स्थायी एवं अस्थायी प्रकाष व्यवस्था कराते हुए पर्याप्त संख्या में अलाव जलाए जाने के प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण तथा पी0डब्ल्यू0डी0 को क्षेत्र की सड़कों को ठीक कराने के निर्देश दिए। इससे मार्ग परिवर्तित करने पर यात्रियों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि टेलीफोन विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए मेले के दौरान टेलीफोन के अस्थायी कनेक्षन उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने बिजली विभाग को जर्जर तारों एवं पोल ठीक कराने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेले के दौरान कैम्प लगाने, आपूर्ति विभाग को कैरोसिन एवं खाद्यान्न का वितरण कराए जाने तथा वन विभाग को जलौनी लकड़ी की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने रेलवे विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए पूर्व की भांति स्पेषल ट्रेन चलवाए जाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। आकाषवाणी एवं दूरदर्षन द्वारा मेले का लाइव प्रसारण किया जाएगा। मेले के दौरान परिवहन विभाग द्वारा बसों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की जाए। मेले के आयोजन एवं सफल संचालन में नागरिक सुरक्षा एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं का योगदान लेना भी सुनिश्चित किया जाए।