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उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के तहत सीएम ने 95 जनजातिय युवाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए

उत्तराखंड
हरिद्वार: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि हर हाथ हुनरमंद होगा तभी उत्तराखण्ड खुशहाल होगा। स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रमों को

बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा। कम से कम 10 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर दूसरों को नौकरी देने वाला बनाया जाएगा। शुक्रवार को न्यू कैन्ट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में जनजाति कल्याण निदेशालय द्वारा निसबड के माध्यम से उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 95 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि किसी भी स्तर पर ड्रोपआउट बच्चों को स्किल डेवलपमेंट का प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। सभी वर्गों के युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम सघन रूप से चलाए जाने चाहिए। उन्होंने निसबड से युवाओं को कौशल विकास व प्लेसमेंट दिलाने के कार्यक्रम में राज्य सरकार के साथ पार्टनरशिप करने का अनुरोध किया। संसाधन राज्य सरकार जुटाएगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जिन बच्चों  ने यहां से प्रशिक्षण लिया है और प्लेसमेंट मिला है, वे मेहनत व लगन से काम करें ताकि कम्पनियों में यहां के बच्चों की मांग बढ़े। युवाओं में हौंसला व जज्बा हो तो कुछ भी कर सकते हैं। उनमें ‘‘यस वी केन डू इट’’ की भावना होनी चाहिए।
सचिव जनजाति कल्याण डा.भूपिंदर कौश्र औलख ने बताया कि ऊधमसिंहनगर व देहरादून में कुल 19 कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम  चलाए 459 जनजाति युवाओं को चार माह का प्रशिक्षण दिया गया।  इनमें से 70 प्रतिशत को प्लेसमेंट मिल गया है। जबकि बहुत से युवाओं ने स्वयं का रोजगार करने की इच्छा व्यक्त की है। ऐसे युवाओं को प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने व बैंक लोन दिलाने में सहयोग किया जा रहा है। देहरादून जिले के 95 प्रतिभागियों में से 70 लोगों को रोजगार/स्वरोजगार से जोड़ा गया है। जिनमें 67 प्रतिभागियों को विभिन्न कम्पनियों में रोजगार के अवसर तथा तीन प्रतिभागियों को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजना के तहत ऋण आवदेन कराया गया है। जनजाति कल्याण निदेशालय द्वारा निसब्ड के सहयोग से उद्यमिता विकास कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 4 ट्रेडों (फिटर, टर्नर, एसी रेफ्रिजेरेशन, शीट मैटल एवं फैर्बिकेशन) में 95 प्रतिभागियों को चयनित कर प्रशिक्षण दिया गया।
शीट मैटल के अन्तर्गत मैटल कटिंग द्वारा बक्से, कुर्सी, टैबल, अलमारी, टंकी, जालीदार अलमारी बनाने के साथ वैल्डिंग कार्य भी सिखाया गया। फिटर/टर्नर के तहत डिसाइनिंग द्वारा बोल्ट निर्माण/डाई कटिंग/लैथ मशीन पर कार्य करना/गैस/इलिक्ट्रिकल/अर्क/टिग/वैल्डिंग/माॅल्डिंग आदि कार्य सिखाये गये। एसी रिफ्रिजेरेशन में एसी मरम्मत/वैल्डिंग/माॅल्डिंग/फिटिंग/असैम्बलिंग/डिसैम्बलिंग/गैस फिलिंग आदि कार्य सिखाने के अतिरिक्त उद्यम स्थापना के अवसर चयन, बैंक तथा विभागीय योजना के साथ साथ प्रोजेक्ट रिर्पोट बनाने के सम्बंधी सत्र भी विशेषज्ञो द्वारा लिये गये। इस उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 4 माह का प्रशिक्षण दिया गया जिनमें अनुसूचित जन जाति के बेराजगार नवयुवकों को चयनित किया गया।
कार्यक्रम में प्रशिक्षण लेने वाले अनेक युवाओं ने अपने अनुभव बताए। गजेंद्र सिंह ने बताया, ‘‘फिटर व टर्नर का कोर्स करने से मुझमें बहुत आत्मविश्वास आया है। हमें चार माह में ही विस्तार से बहुत सारी जानकारी दी गई। हमें प्रेक्टीकल ज्ञान भी दिया गया। रसरकार के इस कार्यक्रम से मेरी जिंदगी की नई शुरूआत हुई है।’’ सुमित ने बताया, ‘‘स्टील फेब्रिकेशन का कोर्स कर हमें काफी सीखने को मिला। अब हम बहुत सारी चीजें बना सकते हैं। हमें प्लेसमेंट भी मिला है।’’

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