नई दिल्ली: “स्वतंत्रता दिवस हम सबके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह हम भारतीयों द्वारा 69 साल पहले देशवासियों का जीवन उन्नत करने का एक संकल्प था। हमने इस सपने का कुछ हिस्सा पूरा कर लिया है, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हमारा लक्ष्य स्वच्छ भारत,हरित भारत है। हमने जब स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की तब हमें बहुत सारे तथ्यों का आभास था। स्वतंत्रता के 68 वर्ष बाद भी 80 प्रतिशत से अधिक गंदा पानी उपचारित नहीं होता और एक तिहाई औद्योगिक प्रदूषण जल में मिल जाता है। भारत को स्वच्छ बनाने में कई बाधाएं हैं। इस वर्ष हम मुख्य रूप से हम अधिक गंदा पानी के उपचारण संयंत्रों, नवीन प्रौद्योगिकी के प्रयोग और अपशिष्ट प्रबंधन के नए नियम पर कार्य करेगें। इसके अतिरिक्त ठोस अपशिष्ट, ई- अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट, खतरनाक अपशिष्ट, जैव अवशेष और निर्माण अपशिष्ट के लिए सभी नियमों को बदला गया है और नवीन प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर इसका आधार बढ़ाया गया है। भारत को स्वच्छ भारत बनाने के लिए वास्वविक रूप से प्रयास किए जा रहे हैं।
कुछ अन्य प्रयासों पर भी जोर दिया गया है जिनमें नदियों को स्वच्छ रखना, अधिक वृक्षारोपण और अधिक वनरोपण की योजना शामिल है। 14वें वित्त आयोग द्वारा 9 बिलियन अमरीकी डॉलर और क्षतिपूरक वनरोपण निधि विधेयक द्वारा 6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। हमने अगले 4 वर्षों में वास्तविक वनरोपण के लिए 15 बिलियन अमरीकी डॉलर की राशि निर्धारित की है जिसमें देश में हरित क्षेत्र में वृद्धि होगी और कार्बन सिंक का सृजन होगा। मेरा विचार है कि यह हमारे लिए फिर से समर्पित होकर कार्य करने का एक अवसर है।