ईपीएफओ के 20 सितंबर, 2021 को जारी प्रोविजनल पेरोल आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफओ ने जुलाई, 2021 के दौरान लगभग 14.65 लाख नेट सब्सक्राइबर जोड़े हैं। पिछले चार महीनों के दौरान नेट पेरोल में बढ़ोतरी रोजगार में इजाफे को भी दर्शाती है। जुलाई 2021 के दौरान नेट सब्सक्राइबर की संख्या जून 2021 की तुलना में 31.28% बढ़ी है। जबकि जून में कुल 11.16 लाख सब्सक्राइबर जुड़े थे।
कुल 14.65 नेट सब्सक्राइबर में से करीब 9.02 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए हैं। इसमें से लगभग 5.63 लाख नेट सब्सक्राइबर ऐसे हैं, जो ईपीएफओ के तहत आने वाले प्रतिष्ठानों से नौकरी बदलकर दूसरी नौकरी को ज्वाइन कर चुके हैं। हालांकि नई नौकरी के जरिए वह फिर से ईपीएफओ से जुड़ गए हैं। इससे पता चलता है कि अधिकांश अंशधारकों ने पुरानी राशि के निकासी के लिए आवेदन करने के बजाय अपनी पिछली नौकरी से वर्तमान पीएफ खाते में जमा राशि को ट्रांसफर करके ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता जारी रखने का विकल्प चुना है।
आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि जुलाई 2021 के दौरान, पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों की संख्या में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो सदस्य फिर से ईपीएफओ के दायरे में आए हैं, उनकी संख्या में लगभग 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि बाहर निकलने वाले सदस्यों की संख्या में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 36.84 फीसदी की कमी आई है।
पेरोल आंकड़ों की उम्र के आधार पर तुलना की जाय तो पता चलता है कि जुलाई, 2021 के के दौरान 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में 3.88 लाख अतिरिक्त सब्सक्राइबर के साथ सबसे ज्यादा नामांकन दर्ज किया गया है। इसके बाद 18-21 आयु वर्ग में 3.27 लाख नामांकन हुए हैं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि पहली बार नौकरी चाहने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र में शामिल हो रहे हैं और जुलाई, 2021 में कुल नेट सब्सक्राइबर की संख्या में लगभग 48.82 फीसदी इनकी हिस्सेदारी रही है।
राज्यों के आधार पर पेरोल आंकड़ों की तुलना से पता चलता है कि महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों में मौजूद प्रतिष्ठान, जुलाई महीने के दौरान लगभग 9.17 लाख ग्राहकों को जोड़कर सबसे आगे हैं, जो कि सभी आयु समूह के आधार पर नेट पेरोल में शामिल हुए लोगों की 62.62 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं।
लिंग के आधार पर विश्लेषण से पता चलता है कि इस दौरान नेट सब्सक्राइबर में महिला कर्मचारियों की हिस्सेदारी लगभग 20.56 फीसदी है। जून, 2021 में 2.18 लाख की तुलना में जुलाई 2021 के दौरान महिला सब्सक्राइबर की कुल संख्या बढ़कर 3.01 लाख हो गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस महीने कम महिला सदस्य, ईपीएफओ के दायरे से बाहर निकली और उसकी तुलना में अधिक शामिल हुई हैं।
उद्योगों के आधार पर पेरोल आंकड़ों से पता चलता है कि ‘विशेषज्ञ सेवाएं’ श्रेणी (मैनपॉवर एजेंसियों, निजी सुरक्षा एजेंसियों और छोटे ठेकेदारों आदि), जुलाई के दौरान नेट सब्सक्राइबर की संख्या में हुई बढ़ोतरी में 41.62 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं। इसके अलावा, व्यापार-वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, इंजीनियरिंग उत्पादों, भवन और निर्माण, कपड़ा, परिधान निर्माण, अस्पतालों और वित्तपोषण प्रतिष्ठानों जैसे उद्योगों में बढ़ोतरी देखी गई है।
पेरोल आंकड़े प्रोविजनल है और आंकड़ों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है। इसलिए कर्मचारियों के रिकॉर्ड का अपडेट करना भी एक सतत प्रक्रिया है। जिसे देखते हुए पिछले आंकड़े इसलिए हर महीने अपडेट किए जाते हैं। मई, 2018 से ईपीएफओ सितंबर 2017 से आगे की अवधि को शामिल करते हुए पेरोल आंकड़े जारी कर रहा है।
ईपीएफओ सदस्यों को उनकी सेवानिवृत्ति पर भविष्य निधि, पेंशन लाभ और सदस्य की असामयिक मृत्यु के मामले में उनके परिवारों को पारिवारिक पेंशन और बीमा लाभ प्रदान करता है। ईपीएफओ देश का प्रमुख संगठन है जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 की कानून के तहत शामिल संगठित / अर्ध-संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करता है।