कोरोना की मार झेल रहे संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों और कंपनियों को सरकार ने राहत दी है. सरकार ने घोषणा की गई है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दायरे में आने वाली ऐसी कंपनियां और उनके कर्मचारी, जिन्हें पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत सरकार की ओर से मिल रहे योगदान का लाभ नहीं मिल रहा है, उनके मामले में अगले तीन महीने अगस्त तक एंप्लॉयर व इंप्लॉई के लिए EPF योगदान 10-10 फीसदी रहेगा.
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान को अगस्त तक तीन महीनों के लिए मौजूदा 12 फीसदी से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. इससे कर्मचारियों को सीधे मिलने वाली सैलरी में बढ़ोतरी होगी और कर्मचारी पहले से ज्यादा सैलरी घर ले जा पाएंगे. सरकार के इस फैसले से संगठित क्षेत्र के चार करोड़ 30 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा. वहीं कोरोना वायरस महामारी के चलते नकदी संकट से जूझ रहे नियोक्ताओं को कुछ राहत मिलेगी.
ऐसा अनुमान है कि इस निर्णय से अगले तीन महीनों में 6,750 करोड़ रुपये की नकदी बढ़ेगी. श्रम मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक अधिसूचना में इस बात की पुष्टि की है. मंत्रालय ने कहा है कि ईपीएफ योगदान में कमी तीन महीने तक लागू रहेंगी. ऐसे में जून, जुलाई और अगस्त में मिलने वाला वेतन अधिक होगा और नियोजकों के योगदान में भी कमी आएगी. इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह घोषणा भी की थी.
श्रम मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के करीब 12 लाख सदस्यों ने लॉकडाउन के दौरान 3,360 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. श्रमिकों को यह राशि वापस जमा नहीं करानी होगी. इसके साथ ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कंपनियों के हक में भी फैसला किया है. लॉकडाउन के दौरान भविष्य निधि अंशदान समय पर जमा नहीं करा पाने पर ईपीएफओ ने कंपनियों से कोई जुर्माना नहीं लेने का फैसला किया है. Source Catch News