नई दिल्ली: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की यहां पांच दिन में पांचवीं बार बैठक हुई जिसमें केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में चल रहे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की गई। मंत्रिमंडल सचिव श्री पी.के.सिन्हा ने बैठक की अध्यक्षता की। केरल के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि वर्षा कम हुई है और बाढ़ का पानी घटना शुरू हो गया है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने आज 100 मीट्रिक टन दालें भेजीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपात स्थिति में काम आने वाली 52 मीट्रिक टन दवाएं भेजीं। अन्य 20 मीट्रिक टन दवाएं आज रात तक केरल पहुंच जाएंगी। 20 मीट्रिक टन ब्लीचिंग पाउडर और एक करोड़ क्लोरीन की टैबलेट भी कल भेजी जाएंगी। 12 चिकित्सा कर्मियों की टीम को तैयार रखा गया है। अब तक कहीं से कोई बीमारी फैलने की खबर नहीं मिली है।
दूरसंचार विभाग ने 77,000 टावरों (राज्य में कुल 85,000 टावरों में से) को काम करने लायक बना दिया है। 1407 टेलीफोन एक्सचेंजों में से 13 को छोड़कर सभी काम करने लगे हैं। दूरसंचार विभाग ने लापता व्यक्तियों का पता लगाने में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1948 दिया है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 12,000 किलोलीटर कैरोसिन उपलब्ध कराया है। एलपीजी सिलेंडरों का वितरण करने के लिए भी पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। विमानों के लिए भी पर्याप्त ईंधन उपलब्ध कराया गया है।
मवेशियों के लिए 450 मीट्रिक टन चारा भेजा गया है। पशु चिकित्सा से जुड़ी दवाओँ की दो खेप भेजी जा चुकी है।
रेलवे ने पानी और राहत सामग्री की निःशुल्क आपूर्ति करने की पेशकश की है। पशु पालन और डेरी विभाग ने दूध और दूध के पाउडर की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराई है।
एनसीएमसी की बैठक में स्वास्थ्य, दूरसंचार, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, बिजली, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के सचिव तथा रक्षा बलों, गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।