भारत सरकार की महत्वाकाँक्षी योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) नामक एक क्रेडिट लिंक सब्सिडी कार्यक्रम है, जिसके के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करके रोजगार के अवसर सृजित किये जा रहे है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का कार्यान्वयन पूरे देष में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा किया जा रहा है, जो कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक सांविधिक निकाय है और यह पूरे देष में इस योजना के लिये एक मात्र नोडल अभिकरण है। राज्य स्तर पर, यह योजना खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC), राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (KVIB), जिला उद्योग केन्द्र (DIC), कयर बोर्ड (Coir Board) एवं बैंकों के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है।
योजना के माध्यम से नये स्वरोजगार उद्यमों / परियोजनाओं / सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से देष के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित किये जा रहे है। व्यापक रूप से दूर-दूर अवस्थित परम्परागत कारीगरों / ग्रामीणों और शहरी बेरोजगार युवाओं को एक साथ लाया जा रहा है तथा जहाँ तक सम्भव हो स्थानीय स्तर पर ही उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर उनका पलायन रोका जा सके और कारीगरों की पारिश्रमिक अर्जन क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार की विकास दर भी बढ़ाई जा सके।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग, लखनऊ के राज्य निदेशक के द्वारा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि योजना के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र में रू0 50.00 लाख तथा सेवा क्षेत्र में रू0 20.00 लाख तक की स्वीकार्य लागत की इकाई का ऋण बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, जिसमें लाभार्थी को कुल परियोजना लागत का 15-35 प्रतिषत तक की अनुदान राषि (MM Subsidy) दी जाती है। उद्योग / इकाई के सफलतापूर्वक संचालन हेतु उद्यमी को ऋण वितरण से पूर्व ई.डी.पी. प्रशिक्षण (उद्यमिता विकास कार्यक्रम) भी दिया जाता है।
वर्ष 2022-23 के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य में पी.एम.ई.जी.पी. योजना के अन्र्तगत 11586 नई इकाईयाँ स्थापित की गई जिसमें भारत सरकार के द्वारा 377.76 करोड़ की अनुदान राषि उद्यमियों को वितरित की गई तथा लगभग 93,000 नये रोजगार सृजित हुए। इस प्रकार निर्धारित लक्ष्य रू0 288.01 करोड़ के सापेक्ष प्रदेष में 131 प्रतिषत की उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
योजना में लाभान्वित उद्यमियों द्वारा उत्पादित उत्पादों का प्रदर्षन एवं विपणन खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा देष-विदेष में लगायी जा रही प्रदर्षनी तथा खादी बिक्री भवनों के माध्यम से की जा रही है।