नई दिल्ली: इस्पात मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कडपा जिले में इस्पात संयंत्र लगाने के संबंध में व्यावहारिकता रिपोर्ट तैयार करने के लिए समीक्षा की है। केन्द्रीय और राज्य सरकार, सेल, आरआईएनएल, एनएमडीसी, मेकॉन और एमएसटीसी के प्रतिनिधियों वाला एक अधिकृत कार्यबल योजना बनाने तथा तकनीकी रिपोर्ट तैयार करने का काम कर रहा है। मेकॉन ने रिपोर्ट का मसौदा पेश कर दिया। इसके अलावा तकनीकी रिपोर्ट बनाने की सभी जरूरतें पूरी कर ली गई हैं और लौह अयस्क की उपलब्धता के सम्बंध में आंकड़ों की प्रतीक्षा की जा रही है, जो व्यावहारिकता रिपोर्ट तैयार करने के लिए जरूरी हैं। ये आंकड़े राज्य सरकार को प्रदान करने हैं, जिसका इंतजार किया जा रहा है।
इस्पात मंत्री चौधरी वीरेन्द्र सिंह ने 12 अक्टूबर, 2018 को इस्पात क्षेत्र से संबंधित प्रमुख परियोजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करते हुए मेकॉन को निर्देश दिया था कि वह राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले विवरणों की प्रतीक्षा किए बिना कार्यबल को तुरंत तकनीकी रिपोर्ट पेश करे। उन्होंने मेकॉन को निर्देश दिया कि वह खानों के पट्टे का विवरण और लौह अयस्क की उपलब्धता के बारे में लगातार राज्य सरकार से संपर्क करता रहे, ताकि कार्यबल को परियोजना की तकनीकी रिपोर्ट और उसकी व्यावहारिकता का मूल्यांकन करने में सुविधा हो। यह भी तय किया गया कि कार्यबल प्रस्तावित इस्पात संयंत्र के लिए सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र या संयुक्त उपक्रम या इन तीनों के समूह के रूप में निवेश के तरीकों का अध्ययन करेगा।
चर्चा के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कडपा जिले में इस्पात संयंत्र उस क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण परियोजना है तथा उसे मंजिल तक पहुंचाने के पूरे प्रयास किए जाने चाहिए। इसके अलावा पुनर्गठन अधिनियम के तहत सभी हितधारकों द्वारा समयबद्ध तरीके से समेकित प्रयासों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया।