25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत द्वारा कोविड-19 से प्रभावित देशों से अपने नागरिकों और अन्य नागरिकों की निकासी

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत सरकार ने कोविड-19 के प्रकोप के बाद कई देशों से अपने नागरिकों की निकासी का अभियान चलाया। चीन के हुबेई प्रांत में वुहान शहर कोविड-19 का मुख्य केंद्र बन गया था और उस शहर में सैकड़ों भारतीय फंस गए थे। भारत ने अपने नागरिकों और अन्य मित्र राष्ट्रों के नागरिकों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर चीन के साथ बातचीत की।

एयर इंडिया ने निकासी प्रयासों के लिए दो विशेष उड़ानों का संचालन किया, जिसमें 654 यात्रियों को वापस लाया गया जिनमें 647 भारतीय नागरिक शामिल थे।

1 फरवरी को चीन के वुहान से 324 भारतीयों का पहला जत्था निकाला गया था। इनमें से 104 को आईटीबीपी छावला शिविर में संगरोधन के लिए रखा गया था और बाकी 220 को मानेसर में सेना के सुविधा केन्द्र में रखा गया।

03 फरवरी को 330 यात्रियों का दूसरा जत्था (मालदीव के सात नागरिकों और भारतीय दूतावास के दो अधिकारियों सहित जो निकासी के प्रयासों को समन्वित कर रहे थे, शामिल थे) भारत पहुंचा। इनमें से 300 (7 मालदीव नागरिकों सहित) को आईटीबीपी छावला कैंप में रखा गया था और 30 को निगरानी के लिए मानेसर सुविधा केन्द्र में स्थानांतरित कर दिया गया।

बाहर निकाले गए इन सभी नागरिकों को 14 दिनों के लिए आइसोलेशन केन्द्रों में रखा गया। उनका दो बार परीक्षण किया गया और उन्हें कोविड-19 निगेटिव पाया गया। उन्हें 18 फरवरी, 2020 को छुट्टी दे दी गई।

26 फरवरी को, भारतीय वायु सेना ने चीन के हुबेई प्रांत से 112 यात्रियों को बाहर निकाला। इनमें 76 भारतीय नागरिक थे। भारतीय वायु सेना द्वारा निकाले गए अन्य नागरिकों में म्यांमार, बांग्लादेश, मालदीव, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका के नागरिक शामिल थे। यात्री 27 फरवरी को भारत पहुंचे और बाद में प्रोटोकॉल के अनुसार 14 दिनों की अवधि के लिए उन्हें आईटीबीपी शिविर में रखा गया है। पहले परीक्षण में उन्हें कोविड-19 निगेटिव पाया गया है। भारतीय वायुसेना की उड़ान ने चिकित्सा आपूर्ति भी की थी जो चीन को सद्भावना के रूप में दी गई थी।

जापान (डायमंड प्रिंसेस क्रूज शिप): 3700 यात्रियों को ले जा रहा जापानी क्रूज शिप, डायमंड प्रिंसेस को कोविड-19 के प्रकोप का सामना करना पड़ा, जब 705 यात्री परीक्षण किये जाने पर कोविड-19 पॉजिटिव पाये गये। 705 प्रभावित यात्रियों में से 16 भारतीय नागरिक थे। 27 फरवरी को, एयर इंडिया की उड़ान ने जापान के पोर्ट योकोहामा से श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू के 5 विदेशी नागरिकों सहित 124 यात्रियों को वापस लाने के लिए एक निकासी अभियान चलाया। कोविड-19 के लिए पॉजिटिव पाये गए 16 भारतीय नागरिकों का इलाज चल रहा है।

बाहर निकाले गए नागरिकों को मानेसर में सेना के सुविधा केन्द्र पर रखा गया है। पहली परीक्षण में वे निगेटिव पाए गए हैं।

ईरान में भारतीय नागरिकों की मॉनिटरिंग और निगरानी: जैसा कि यह स्पष्ट हो गया कि ईरान भी कोविड-19 प्रकोप का सामना कर रहा था, भारत सरकार ने उस देश में अपने नागरिकों की हिफाजत और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय करना शुरू कर दिया। ईरान में भारतीय नागरिकों में तीर्थयात्री, छात्र और मछुआरे शामिल हैं। 7 मार्च को ईरान से 108 नमूने मिले थे। इन नमूनों का परीक्षण एम्स की प्रयोगशाला में किया जा रहा है। साथ ही, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के छह वैज्ञानिक ईरान में तैनात किए गए हैं। उपकरण और रिजेन्ट्स को एक प्रयोगशाला स्थापित करने में सक्षम करने के लिए भी भेजा गया है। भारत द्वारा जल्द ही अपने नागरिकों को निकालने के लिए अभियान शुरू किये जाने की उम्मीद है।

अब तक, भारत सरकार ने कोविड-19 प्रभावित देशों से 890 यात्रियों की निकासी की है। इनमें से 842 भारतीय नागरिक थे और 48 मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू सहित अलग-अलग देशों के नागरिक थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More