लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि कांगेस के राश्ट्रीय उपाध्यक्ष राजनीतिको खेल समझ रहे हैं। दलित के घर खाना खाकर रात में खाट पर सो जाने,पद यात्रा करने जैसे टोटकों से भी जब कांग्रेस की हालत नही सुधरी तो अब देवरिया से दिल्ली तक किसान यात्रा के नाम पर खाट सभांए करने का नया तमाशा होने लगा है। इसमें खाटें तो बिछी है पर किसानों काटोंटा है। प्रायोजित किसान यात्रा में किसानों का कोई वास्ता नहीं। सुरक्षा के नाम पर असली किसान खाट सभा से बाहर ही रखे जा रहे हैं। किसानों के पल्ले में कांग्रेस उपाध्यक्ष का भाषण तो पड़ा नही, वे खाटें लेकर ही चले गए।
यह भी हास्यास्पद है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को तो खेत और उसमें उपजी फसलों की पहचान तक नही है। उन्हेंतो खरपतवार और असली फसल का अंतर का भी पता नही है तो वह किस आधार पर यह दावा कर सकते है जबकि किसानों से उनका कभी भी कोई लेना देना नही है।
यह सच है कि कांग्रेस 27 वर्शो से सत्ता से बाहर रहने के कारण व्याकुल है। इस बदहाली में उसे सूझ नही रहा है कि वह क्या करें ? उसका राजनीतिक ग्राफ नीचे गिरता जा रहा है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस डूबती हुई नाव है। जिन वर्गो के सहारे कांग्रेस सत्ता सुख लूटती रही, उसका साथ छोड़ गए हैं। इसका एक कारण यह भी है कि जनता के दुःख दर्द से कांग्रेस नेताओं का कोई संपर्क एवं संबन्ध नही रह गया है।
कांग्रेस की किसान यात्रा और खाट सभा का आगाज ही बेरौनक रहा है। वैसे भी किसान-गाँव और खेत से कांग्रेस उपाध्यक्ष का कभी कोई रिश्ता नही रहा है। आजादी के बाद से ही किसानों की बदहाली कांग्रेस राज में शुरु हो गई थी। कांग्रेस ने किसानों को कर्जदार बनाया और खेती की जमीने छीनकर बड़े उद्योगपतियों को मालामाल किया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को यदि वास्तव में किसानों का दुःख दर्द जानना होता तो वे खाट पर ठाठ से बैठकर उनसे बात करने का नाटक नही करते। खाट पर बैठकर देसी अंदाज दिखाने का कांग्रेस उपाध्यक्ष का शो नाटकीयता काभी भोंडा प्रदर्शन लगता है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की बदहाली खत्म होने वाली नही है। उसने अपने शासनकाल में खेती-किसान की जैसी उपेक्षा की उसका ही भुगतान उसे मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार किसानों और गाँवो पर बजट का 80 प्रतिशत तक खर्च कर रही है। चैधरी चरण सिंह और श्री मुलायम सिंह यादव के मार्ग दर्शन पर चलते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने किसानों की कर्ज माफी, मुफ्त सिंचाई, फसल और आपदा बीमा, खाद-बीज की समय से उपलब्धता और मण्डीस्थलों के निर्माण के द्वारा कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है।
किसान खुशहाल बनेगा तो प्रदेश भी खुशहाल होगा, इस विचारधारा पर समाजवादी सरकार ने जनहित की तमाम योजनांए लागू की है। जनता में श्री अखिलेश यादव की लोकप्रियता बढ़ी है तो हताशा तथा कुंठा के शिकार विपक्षी दल नौटंकी करने में व्यस्त हो गये हैं।