लखनऊ: विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर आज यहां राज्य संग्रहालय में राज्य संग्रहालय की उत्कृष्ट कलाकृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन संग्रहालय की अस्थायी वीथिका में किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि, श्री विजय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि अपनी विरासत के प्रति जनसामान्य को जागरूक करने एवं भावी पीढी के लिये इसे संरक्षित किये जाने की दिशा में यह प्रदर्शनी एक सराहनीय प्रयास है। इसके लिये उन्होंने अपनी शुभकामना व्यक्त की। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की भविष्य में संग्रहालय द्वारा इस प्रकार के और भी प्रयास किये जायेंगे।
यूनेस्को द्वारा प्रत्येक वर्ष 18 अप्रैल को ‘विश्व धरोहर दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा सन् 1963 में की गयी। विश्व धरोहर के अन्तर्गत यूनेस्को की ‘विश्व धरोहर समिति’ द्वारा संचालित ऐसे स्थल हैं, जिनके अन्तर्गत वन, पर्वत, झील, मरूस्थल, स्मारक, रिहायशी स्थल या शहर सम्मिलित हंै। अपने सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या अन्य किसी विशेषता के कारण प्रसिद्ध स्थलों को ही इस सूची में शामिल किया जाता है। वर्तमान में भारत में कुल 37 विश्व धरोहर स्थल हैं।
प्रदर्शनी में वेदिका स्तम्भ पर यक्ष एवं यक्षी, बुद्ध के जीवन से संबंधित कथानक, गंगा, सिंहवाहिनी दुर्गा, नृत्यरत गणेश, द्वारशाखा पर भिक्षाटन शिव एवं यमुना, दशावतार विष्णु, बोधिसत्व अवलोकितेश्वर, शिव पार्वती एवं गंगा, कुबेर, जैन तीर्थंकर नेमिनाथ, पाश्र्वनाथ एवं शिव पार्वती के विवाह का दृश्य (कल्याणसुन्दर) के साथ ही सूर्य, चैत्यमुख, बटुकेश्वर आदि की प्रतिमाएं भी दर्शकांे के अवलोकनार्थ प्रदर्शित हैं। प्रदर्शनी में मूल कलाकृतियों के अतिरिक्त अनुकृतियां एवं छायाचित्रों को भी प्रदर्शित किया गया है।
इस अवसर पर प्रो0 अमर सिंह, सेवानिवृत्त, प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, डाॅ0 श्यामानन्द उपाध्याय, उ0प्र0 राज्य पुरातत्व विभाग, उ0प्र0 संग्रहालय निदेशालय, लोक कला संग्रहालय एवं राज्य संग्रहालय, लखनऊ के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे। उक्त प्रदर्शनी का अवलोकन डाॅ0 आनन्द कुमार सिंह, निदेशक, राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा कराया गया तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया।