20.2 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

नई शिक्षा नीति पर चर्चा के दौरान विशेषज्ञों द्वारा अपनी-अपनी राय रखी गई

उत्तराखंड

देहरादून: उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सभागार में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें राज्य विश्वविद्यालय के कुलपतिगणों, निदेशक उच्च शिक्षा, तकनीकि शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा व शासन के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विस्तृत अध्ययन करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाय, जो 40 दिनों के भीतर अपने सुझाव शासन को प्रस्तुत करेगी।
नई शिक्षा नीति पर चर्चा के दौरान विशेषज्ञों द्वारा अपनी-अपनी राय रखी गई, जिसमें प्रमुख रूप से राज्य शिक्षा आयोग का गठन, राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों को विश्वविद्यालयों व स्वायतशासी महाविद्यालय बनाये जाने, बहुविषय विश्वविद्यालय की स्थापना, कोर्स स्ट्रक्चर तैयार किये जाने, वार्षिक परीक्षा प्रणाली खत्म कर सेमेस्टर प्रणाली प्रारम्भ कर क्रेडिट बेस सिस्टम लागू करने तथा प्रत्येक जनपद में समावेशी महाविद्यालय बनाये जाने पर सहमति बनी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तुत अध्ययन के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं सलाहकार उच्च शिक्षा प्रो0 एम0एस0एम0 रावत की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया जिसमें समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक उच्च शिक्षा, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति व शासन स्तर से सचिव स्तर का अधिकारी बतौर सदस्य रहेंगे जो 40 दिनों के भीतर सुझाव शासन को प्रस्तुत करेंगे।
परिचर्चा के दौरान उच्च शिक्षा विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि बहुविषयक शिक्षा के प्रावधान के तहत स्नातक उपाधि तीन या चार वर्ष की अवधि की होगी, जिसमें छात्रों को किसी भी विषय या क्षेत्र में एक साल पूरा करने पर प्रमाण पत्र, दो साल पूरा करने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष की अवधि के बाद स्नातक की डिग्री प्रदान की जायेगी जबकि चार वर्ष के कार्यक्रम में शोध सहित डिग्री प्रदान की जायेगी। पीएचडी के लिए या तो स्नातकोतर डिग्री या शोध के साथ चार वर्ष की स्नातक डिग्री अनिवार्य होगी। इसके अलावा नई शिक्षा के तहत तीन प्रकार के शिक्षण सस्ंथान होंगे जिसमें अनुसंधान विश्वविद्यालय, शिक्षण-अनुसंधान, स्वायत महाविद्यालय शामिल है। जबकि एफिलेटिंग विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों का कान्सेप्ट समाप्त हो जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री आनन्द वर्द्धन, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ0 बीएस बिष्ट, दिप्ती रावत, कुलपति मुक्त विश्वविद्यालय प्रो0 ओपीएस नेगी, कुलपति श्रीदेव सुमन विवि प्रो0 पी.पी ध्यानी, कुलपति तकनीकि विवि प्रो एनएस चौधरी, कुलपति कुमांउ विवि डॉ0 एनके जोशी, कुलपति सोबन सिंह जीना विवि अल्मोड़ा प्रो0 एनएस भण्डारी, अपर सचिव डीके चौधरी, प्रो0 एमएसएम रावत, प्रो0 के.डी पुरोहित, निदेशक उच्च शिक्षा डा0 कुमकुम रौतेला, संयुक्त निदेशक डॉ0 पीके पाठक, प्रो0 एचसी पुरोहित, अपर सचिव झरना कमठान, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा रवनीत चीमा, संयुक्त सचिव एमएम सेमवाल, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी, बीसी जोशी, एमएस मन्दरवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More