अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थापना की दिशा में अग्रसर 15 सामान्य सुविधा केन्द्रों (सीएफसी) को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाये। इसके साथ ही जिन 23 सामान्य सुविधा केन्द्रों के प्रस्ताव विभिन्न स्तरों पर स्वीकृति हेतु लम्बित है, उनके सम्बन्ध में बैठक करते हुये तत्काल स्वीकृति की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
डा0 सहगल यहां कैसरबाग निर्यात प्रोत्साहन भवन में एम0एस0एम0ई0 तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के योजनाओं के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अवशेष जनपदों के डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान को प्राथमिकता पर तैयार कराया जाय। अलीगढ़, रामपुर, महोबा एवं ललितपुर में औद्योगिक अस्थान स्थापित करने की कार्यवाही में तेजी लाई जाय। प्रदेश के समस्त जिला उद्योग केन्द्र उद्योग कार्यालयों की गतिविधियों को पूरी तहत आॅन लाइन करने के लिये आईसीआईसीआई बैंक के साथ किये गये समझौते के क्रम में जून के प्रथम सप्ताह तक आॅन लाइन प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाय।
डा0 सहगल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विगत तीन वर्षों में 38 प्रतिशत वृद्धि के साथ निर्यात 84 हजार करोड़ से बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपये का हुआ है। आगामी तीन वर्ष में इस लक्ष्य को दोगुना किया जाना है। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ने से विदेशी मुद्रा के अर्जन में वृद्धि होगी तथा उत्पादकों की उत्पदकता बढ़ेगी। साथ ही रोजगार के अधिक से अधिक अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि देश के समग्र निर्यात में प्रदेश का योगदान 4.55 प्रतिशत है। देश के लैण्ड-लाॅक्ड राज्यों में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा निर्यातक राज्य है। देश के कुल हस्तशिल्प निर्यात में प्रदेश की भागीदारी 45 फीसद है, कालीन निर्यात में 39 प्रतिशत तथा चर्म एवं चर्म उत्पाद निर्यात में उत्तर प्रदेश की भागीदारी 26 प्रतिशत है।
डा0 सहगल ने कहा कि हस्तशिल्प, हैण्डलूम, काॅलीन, दरी, टेक्सटाइल, सिले सिलाये वस्त्र, चर्म उत्पाद, काष्ठ उत्पाद, कृषि, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स, खेल तथा रक्षा उत्पाद निर्यात के प्रमुख क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा, पर्यटन, आई0टी, मेेडिकल वैल्यू ट्रेवल्स तथा लाजिस्टिक्स सहित 05 महत्वपूर्ण सेवाओं को चिन्हित किया गया है। एक जनपद-एक उत्पाद योजना से आच्छादित लगभग 80 प्रतिशत उत्पाद प्रदेश के निर्यात का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके साथ ही निर्यात प्रक्रियाओं को सरल किया गया है। निर्यातकों को निर्बाध परिवहन हेतु ग्रीन कार्ड भी दिया जायगा।