लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने उत्तराखण्ड के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरणविद डाॅ0 शमशेर सिंह बिष्ट के निधन पर गहरा शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। उन्होंने डाॅ0 बिष्ट के निधन को एक अपूरणीय क्षति बताया है।
डाॅ0 शमशेर सिंह जनपद अल्मोड़ा के निवासी थे लेकिन उनका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण उत्तराखण्ड था। पर्वतीय क्षेत्र की जनसमस्याओं के अध्ययन के लिए उन्होंने हिमालय क्षेत्र की अनेक यात्राएं की थी। अस्कोट-अराकोट अभियान में वे सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रो0 शेखर पाठक के सहयात्री थे। प्रो0 पाठक ‘पहाड़‘ पत्रिका के सम्पादक है।
डाॅ0 शमशेर सिंह बिष्ट ने छात्र-युवा आंदोलनों में भी अग्रणी भूमिका निभाई थी। वह सन् 1972 में अल्मोड़ा में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी थे।
तीन वर्ष पूर्व, समाजवादी सरकार के समय रामगढ़ (नैनीताल) में महादेवी वर्मा सृजन पीठ के सभागार में ‘मौसम में बदलाव और पर्यावरण‘ पर एक संगोष्ठी हुई थी। इसमें डाॅ0 शमशेर सिंह बिष्ट ने व्याख्यान दिया था। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी, उत्तराखण्ड के जाने माने लेखक श्री बटरोही जी, मुख्यमंत्री, उ0प्र0 के पूर्व ओएसडी श्री आशीष यादव, नैनीताल समाचार के सम्पादक श्री राजीव लोचन शाह, जनसŸाा संवाददाता श्री आशुतोष सिंह ने भाग लिया था। इस संगोष्ठी का आयोजन ‘शुक्रवार‘ पत्रिका के सम्पादक श्री अंबरीष कुमार ने किया था। स्मरणीय है, महादेवी वर्मा सृजन पीठ की स्थापना सुविख्यात कवियत्री महादेवी वर्मा जी ने किया था और यह स्थल उनका ग्रीष्मकालीन आवास हुआ करता था।