लखनऊ: ग्राम विकास मंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं और विभागीय कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए कार्यों में और अधिक प्रगति लाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होेंने कहा कि विभाग बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है परन्तु और अधिक परिश्रम की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है, जिससे उन्हें अपने परिवार का भरण पोषण करने में सहायता मिल रही है।
प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री, श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह‘ आज यहां गन्ना संस्थान, लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के कार्यालय में ग्राम्य विकास विभाग केे अधिकारियों के साथ विभाग के भौतिक और वित्तीय कार्य प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
ग्राम्य विकास मंत्री ने मनरेगा के तहत महिला मेटों के चयन और प्रशिक्षण कार्य की सराहना करते हुए कहा कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में यह कार्य अत्यन्त प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी ब्लाकों में चयनित ये महिला मेट कार्यस्थल पर काम कराने का जिम्मा सम्भालने के साथ ही अपने परिवार के पालन पोषण में आर्थिक मदद भी कर सकेंगी।
ग्राम्य विकास मंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 4177.80 करोड़ के लागत से स्वीकृत 6287.37 कि0मी0 के सड़कों को तय समय सीमा में पूर्ण करने का निर्देश दिये तथा पीरियाडिक रिनीवल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के अधिक से अधिक मार्गों को चयनित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जनपदों के पी0आई0यूज0 द्वारा पीरियाडिक रिनीवल के तहत सड़के चयनित नहीं करने पर, उन्हें इससे संबंधित प्रमाण-पत्र देना होगा।
ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण अंचल में विकास के लिए प्रतिबद्ध है और सड़कों के माध्यम से ही ग्रामीण क्षेत्रों का चहुँमुखी विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एफडीआर तकनीक के माध्यम से 2416.12 किमी0 की सड़कों का निर्माण होगा जिससे ग्रामीण सड़कों को नया आयाम मिलेगा। ग्राम्य विकास मंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बैच-2 हेतु लगभग 13000 किमी0 सड़कों को चयनित कर उच्चीकृत करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि ई-मार्ग के माध्यम से ही अनुरक्षण का भुगतान किया जाए।
ग्राम्य विकास मंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पीआईयूज मंे अधिशासी अभियंताओं के रिक्त पदों पर तैनाती किये जाने हेतु लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता को निर्देशित किया।
श्री मोती सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की समीक्षा दौरान कहा कि इस योजना के तहत छूटे और पात्र लोग को शामिल करने हेतु भारत सरकार को आवास प्लस ऐप खोलने हेतु पत्र लिखा जाय, जिससे जरूरतमंद लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके।
अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास विभाग ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों का गठन, ग्राम संगठन का गठन, संकुल स्तरीय संघ का गठन, रिवॉल्विंग फण्ड, सामुदायिक निवेश निधि, बैंक क्रेडिट लिंकेज संबंधी कार्यों में तेजी लाने और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
अपर आयुक्त, मनरेगा श्री योगेश कुमार ने बैठक में बताया कि मनरेगा के तहत 19087 महिला मेठ का चयन किया गया है। इन महिला मेठों के प्रशिक्षण का कार्य भी कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेठ की सूचना एकत्र करने हेतु अस्मिता एप्लिकेशन का निर्माण एवं प्रसार किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 के लिये रोजगार सृजन के लिए वार्षिक भौतिक लक्ष्य 2600.00 लाख मानव दिवस निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष 925.94 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों का समय से भुगतान कराते हुए करीब 90 प्रतिशत मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है।
समीक्षा बैठक में मनरेगा, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, सम्बन्धी बिन्दुआंे पर चर्चा की गयी।
समीक्षा बैठक में आयुक्त, ग्राम्य विकास, श्री अवधेश कुमार तिवारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यू0पी0आर0आर0डी0ए0, मिशन निदेशक, यू0पी0एस0आर0एल0एम, अपर आयुक्त, ग्राम्य विकास, श्री योगेश कुमार, अपर निदेशक, राज्य ग्रामीण विकास संस्थान सहित ग्राम्य विकास विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहेे।