वन धन योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिए हाल ही में ट्राइफेड द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय वेबिनार की अपनी श्रृंखला में, राज्य की टीमों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के वीडीवीके के साथ एक महत्वपूर्ण आउटरीच सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र का मुख्य ध्यान स्वीकृत वीडीवीके और वीडीवीकेसी के संचालन की योजना बनाने पर था। यूटी की ओर से सहभागियों (एसआईए, एसएनए, वीडीवीकेसी) को काफी तत्परता के साथ केंद्रशासित प्रदेश में वर्तमान में स्वीकृत 10 वीडीवीके क्लस्टर के संचालन के लिए तैयार किया गया। एनआरएलएम केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है।
एमएफपी योजना के लिए एमएसपी, जनजातियों के लिए रोजगार और आय सृजन में सहायता करने वाली वन धन योजना और अन्य सम्मिलन परियोजनाओं के कार्यान्वयन की जरूरत और महत्व को दोहराने के लिए, महामारी के इस समय के दौरान पूरी तरह सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए और इन्हें लागू करते हुए इस वेबीनार को शुरू किया गया।
यह वेबीनार क्षेत्रीय प्रबंधक के एमएफपी योजना के लिए एमएसपी और वन धन योजना के कार्यान्वयन की स्थिति पर प्रगति की स्थिति बताने के साथ शुरू हुआ। यह बताया गया कि राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों के पास जनशक्ति की कमी के चलते वन धन विकास केंद्रों और वीडीवीकेसी के कार्यान्वयन की प्रगति में तेजी नहीं आई है। हालांकि, 5 वीडीवीकेसी का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा नियमित अंतराल पर निरंतर बैठकें करने पर सहमति हुई है।
चर्चा के आधार पर प्रत्येक वीडीवीकेसी के लिए पांच-चरण की योजना तैयार करने और इसे लागू करने पर भी सहमति बनी। पांच-चरण की योजना के चरण 1 में प्रत्येक वीडीवीकेसी में एमएफपीएस की खरीद के लिए मदों की पहचान और शेड व गोदामों की खरीद सहित बुनियादी ढांचे के नियोजित विकास के साथ इसे मजबूत करना शामिल है। जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार चरण 2 में प्रत्येक समूह के लिए स्थानीय एनजीओ या एनआरएलएम अधिकारियों की सलाहकार के रूप में नियुक्ति और प्रत्येक समूह के खाते में 10 लाख रुपये स्थानांतरित करके प्रत्येक समूह को रकम आवंटित करना शामिल है। चरण 3 में प्रत्येक वीडीवीके समूह और वीडीवीके की पहचान के लिए बैंक खाता खोलने और निदेशकों व बोर्डों की स्थापना सहित मूल्यवर्धन और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने को लेकर प्रत्येक क्लस्टर के लिए एक व्यापार योजना तैयार करने की आवश्यकता होगी। चरण 4 में व्यापार योजना के अनुसार अपने चयनित उत्पादों के उत्पादन, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और बिक्री में प्रत्येक समूह की योजना और सुविधा की परिकल्पना की गई है। चरण 5 में, ईएसडीपी, स्फूर्ति और ट्राइफूड योजनाओं को कार्यक्रम के क्षेत्र में विस्तार करने के लिए संबंधित समूहों में धीरे-धीरे मिलाया जाएगा।
इसके अलावा वेबिनार का बाकी हिस्सा यूटी टीमों या वन धन विकास केंद्रों या समूहों के प्रतिनिधियों से किसी भी संबंधित सवालों के स्पष्टीकरण पर केंद्रित था।
देशभर में भागीदार राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वेबिनार की एक श्रृंखला 10 मई से 28 मई, 2021 तक आयोजित हुई है।
लघु वन उपज (एमएफपी) के विपणन के लिए तंत्र और इसके घटक, वन धन आदिवासी स्टार्ट-अप्स, ट्राइफेड की जनजातीय आबादी की आय व आजीविका सृजन की दिशा में कार्यान्वित की जा रही एक पहल है। एमएफपी के लिए एमएसपी योजना का उद्देश्य वन उपज के जनजातीय संग्रहकर्ताओं को पारिश्रमिक और उचित मूल्य प्रदान करना है, जो उन्हें बिचौलियों से मिलने वाली आय से लगभग तीन गुना अधिक है। यह उनकी आय को तीन गुना कर देता है।
वन धन जनजातीय स्टार्ट-अप वन-आधारित जनजातियों के लिए सतत आजीविका के निर्माण की सुविधा को लेकर वन धन केंद्रों की स्थापना करके लघु वन उपजों के मूल्यवर्धन, ब्रांडिंग और विपणन के लिए एक कार्यक्रम है। एक विशिष्ट वन धन विकास केंद्र में 20 जनजातीय सदस्य शामिल होते हैं। 15 ऐसे वन धन विकास केंद्र, 1 वन धन विकास केंद्र क्लस्टर बनाते हैं। वन धन विकास केंद्र क्लस्टर (वीडीवीकेसी) वन धन विकास केंद्रों को पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं, आजीविका और मार्केट-लिंकेज के साथ-साथ उद्यमिता के अवसर भी प्रदान करते हैं।
इनके कार्यान्वयन में हुई प्रगति को जारी रखने और इसे अगले स्तर तक ले जाने के लिए, वन धन योजना के उद्यम मॉडल : स्फूर्ति (स्कीम ऑफ फंड फॉर रिजनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज) और ट्राइफूड के तहत प्रसंस्करण से क्लस्टर विकास तक, में सम्मिलन के माध्यम से वन धन योजना को एमएफपी के लिए एमएसपी के साथ मिलाने की योजना बनाई गई है।
इस वेबीनार ने राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों और अन्य हितधारकों को जोड़ने, समीक्षा करने व कार्रवाई को दुरूस्त करने का अवसर प्रदान किया है, जिससे जनजातीय आबादी को इन योजनाओं के कुशल कार्यान्वयन से अधिकतम लाभ हासिल हो सके।
इन नियोजित पहलों के सफल कार्यान्वयन के साथ, ट्राइफेड जनजातीय इकोसिस्टम में बदलाव की दिशा में काम कर रहा है।