लखनऊ: प्रदेश के कारागार मंत्री श्री बलवन्त सिंह रामूवालिया ने कहा है कि प्रदेश की कारागारों में निरुद्ध 80 से 90 वर्ष की आयु वाले कैदियों का मेडिकल बोर्ड द्वारा परीक्षण कराकर उन्हें रिहा करने पर गम्भीरता से विचार किया जायेगा। साथ ही पैरोल की नियमों को शिथिल किये जाने पर भी विचार किया जायेगा।
कारागार मंत्री आज यहां डा0 सम्पूर्णानन्द प्रशिक्षण संस्थान में यू.पी. जेल्स सुपरिन्टेन्डेन्ट्स एसोसिएशन के वार्षिक अधिवेशन को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जेल विभाग के विभिन्न पद खाली पड़े है जो एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान शहीद अधिकारियों/कर्मचारियों की याद में एक मेमोरियल बनाना चाहिए ताकि अन्य अधिकारी व कर्मचारी उनकी कर्तव्यपरायणता एवं वीरता से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने जेल विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि उनके कार्यों को माफिया और मोबाइल ने चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इस समस्या की ओर गम्भीरतापूर्वक ध्यान देना चाहिए।
श्री रामूवालिया ने कहा कि बन्दी रक्षकों की भर्ती अब राज्य पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से की जायेगी। इस सम्बन्ध में शीघ्र ही प्रक्रिया शुरू की जायेगी। बन्दी रक्षकों तथा अन्य सम्बन्धित कर्मचारियों को पुलिस बलों की ही तरह पौष्टिक आहार भत्ता दिये जाने के लिए भी प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन द्वारा उठाई गयी समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इनका समाधान किया जायेगा।
इस अवसर पर गृह सचिव श्री एस. के. रघुवंशी तथा विशेष सचिव, श्री एस. के. सिंह ने भी वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए जेल विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सामने आने वाली कार्य सम्बन्धी समस्याओं का उल्लेख किया और उन्हें हल किये जाने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर एसोसिएशन ने ए.सी.पी. लाभ, प्रोन्नति, पदों के सृजन, कैडर रिव्यू, अधिकारियों/कर्मचारियों की सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को कारागार मंत्री एवं शासन के अधिकारियों के सम्मुख विस्तार से रखा।