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फेसबुक, ट्विटर एवं व्हाट्स एप्प के माध्यम से यातायात पुलिस आम जनता से सीधे जुड़ी

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देश पर राज्य की ट्रैफिक पुलिस ने भी सोशल मीडिया का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। प्रदेश के यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने एवं आम नागरिकों की सुविधा जानकारी देने के उद्देश्य से यह व्यवस्था 16 महानगरों में 01 जुलाई, 2015 से लागू की गयी है। इस योजना में अब तक हुई प्रगति की आज यहां मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा की गयी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न जनहितकारी योजनाओं एवं सेवाओं को सुगमतापूर्वक जनमानस को उपलब्ध कराने तथा जनता की समस्याओं व शिकायतों के निराकरण हेतु सूचना प्रौद्योगिकी, आधुनिक संचार संसाधनों तथा सोशल मीडिया के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश यातायात निदेशालय द्वारा प्रथम चरण में सोशल मीडिया के तहत फेसबुक, ट्विटर एवं व्हाट्स एप्प सेवा की शुरूआत की गयी है। अपर पुलिस महानिदेशक यातायात श्री अनिल अग्रवाल ने उक्त जानकारी देते हुये बताया कि प्रथम चरण में प्रदेश के गाजियाबाद, आगरा, आजमगढ़, मुरादाबाद, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, वाराणसी, मेरठ, इलाहाबाद, लखनऊ, मथुरा, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, गोरखपुर, बरेली व कानपुर महानगरों को सोशल मीडिया के फेसबुक, ट्विटर एवं व्हाट्स एप्प सेवा से जोड़ा गया है। प्रत्येक जिले के लिये अलग-अलग ग्रुप बनाये गये है।
श्री अग्रवाल के अनुसार फेसबुक, ट्विटर एवं व्हाट्स एप्प तीनों पर लोग अपनी समस्या, सुझाव व शिकायत भी भेज सकते है। किन्तु फोटो एवं वीडियो केवल व्हाट्स एप्प पर ही भेजी जा सकेंगी। फेसबुक व ट्विटर के माध्यम से ट्रैफिक रेगुलेशन्स, ट्रैफिक एडवाइजरी व ट्रैफिक एलट्र्स की जानकारी लोगों को दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। हर जिले के ट्रैफिक पुलिस का इंटरनल व्हाट्स एप्प ग्रुप भी बनाया गया है ताकि यातायात प्रबन्धन की कार्रवाई प्रभावी ढंग से की जा सके।
अपर पुलिस महानिदेशक यातायात ने बताया कि इसके माध्यम से यातायात प्रबंधन के अलावा भविष्य की यातायात योजनाओं संबंधी ट्रैफिक एडवाइजरी एवं एलर्ट भी लोगों को देने की व्यवस्था की गयी है। यातायात नियमों के उल्लंघन पर शमन शुल्क संबंधी विवरण तथा सड़क सुरक्षा संबंधी विवरण लोगों को उपलब्ध होगा। इसका उपयोग यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ व सुचारू संचालन हेतु जनजागरूकता को विकसित करने में भी किया जायेगा और अधिकाधिक जनसहयोग भी प्राप्त होगा।

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