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उत्पादों के उत्पादन से लेकर विपणन तक के समस्त अवयवों से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी

उत्तर प्रदेश

लखनऊः एक जनपद-एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु ‘‘सामान्य सुविधा केन्द्र प्रोत्साहन योजना’’ शुरू की जा रही है। इसके तहत ओ0डी0ओ0पी0 में चिन्हित उत्पादों के उत्पादन से लेकर विपणन तक के समस्त अवयवों यथा कच्चा माल, डिजाइन, उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता सुधार अनुसंधान एवं विकास, पर्यावरण, उर्जा संरक्षण तथा पैकेजिंग आदि से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।

सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम श्री भुवनेश कुमार ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके अनुसार ओ0डी0ओ0पी0 के तहत जनपद हेतु चयनित उत्पादों से संबंधित क्रिया-कलापों के लिए सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। इसके माध्यम से टेस्टिंग लैब, डिजाइन डेवलपमेंट एण्ड ट्रेनिंग सेंटर, तकनीक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, उत्पादन प्रदर्शन सह विक्रय केन्द्र, राॅ-मैटिरियल बैंक/कामन रिसोर्स सेंटर, कामन प्रोडक्शन/प्रोसेसिंग सेंटर, सामान्य लाजिस्टिक सेंटर सूचना संग्रह विश्लेषण एवं प्रसारण केन्द्र तथा पैकेजिंग, लेबलिंग एवं बारकोडिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। सामान्य सुविधा केन्द्रों की स्थापना, संचालन एवं रख-रखाव का कार्य एस0पी0वी0 (स्पेशल पर्पज व्हीकल) द्वारा किया जायेगा। एस0पी0वी स्वयं सहायता समूह, सहकारी संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं, प्रोड्यूशर कम्पनी, प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी, लिमिटेड कम्पनी अथवा लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनर आदि के स्वरूप में हो सकती है।

शासनादेश में कहा गया है कि ओ0डी0ओ0पी योजना के तहत सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना हेतु 15 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं ली जा सकेंगी। लागत का 10 प्रतिशत एस0पी0वी0 द्वारा वहन किया जायेगा तथा शेष राशि राज्य सरकार वहन करेगी। योजना में 15 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं भी ली जा सकेंगी, लेकिन ऐसी परियोजनाओं में राज्यांश के रूप में वहन की जाने वाली राशि अधिकत्म 12.75 करोड़ रुपये अथवा परियोजना लागत में से भूमि की लागत को कम करने के बाद अवशेष राशि में से, जो भी कम हो, तक सीमित रहेगी। परियोजना हेतु उपयुक्त तथा विवाद रहित भूमि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी एस0पी0वी0 का होगा। जिन परियोजनाओं की लागत 10 करोड़ रुपये तक होगी, उसका अनुमोदन राज्य स्तरीय समिति करेगी। इससे ऊपर की परियोजनाओं का अनुमोदन उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा। परियोजना के स्थापना की अधिकत्म अवधि वित्तीय स्वीकृति से 02 वर्ष होगी।

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