नई दिल्ली: हर साल दहेज उत्पीड़न के करीब 1 लाख मामलों में लगभग 10 हजार मामले फर्जी पाए जाते हैं। ऐसे आंकड़ों ने दहेज कानून को देश का सबसे विवादास्पद कानून बना दिया है। सरकार अब दहेज कानून में बदलाव की तैयारी कर रही है । खबर है कि आईपीसी की धारा 498-A को ‘समझौते योग्य’ बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि अभी इस कानून में समझौता और बेल, दोनों का ही प्रावधान नहीं है। केस सामने आते ही लड़के पक्ष के लोगों को तत्काल प्रभाव से जांच में निर्दोष साबित हो जाने तक हिरासत में ले लिया जाता है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो मंत्रालय ने ड्राफ्ट तैयार कर केंद्रीय कैबिनेट को सेक्शन 498-A में बदलाव के लिए भेज दिया है। जानकारी के मुताबिक इस बदलाव के बाद यदि केस फर्जी पाया जाता है, तो जुर्माने की राशि को 1,000 से बढ़ाकर 15, 000 रुपये कर दिया जाएगा।
इस कानून में बदलाव की चर्चाएं पहले भी हो चुकी हैं। महिला अधिकारों को लेकर संघर्ष करने वाले कार्यकर्ता इस कानून में बदलाव का विरोध करते हैं। दिसंबर 2014 में दहेज कानून को लेकर सरकार भी अपने वादे से पीछे हट गई थी।
सुप्रीम कोर्ट यह पहले ही कह चुका है कि यदि कोई महिला अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ निराधार रिपोर्ट दर्ज कराती है और उसे कोर्ट में साबित नहीं कर पाती है, तो पति को तलाक लेने का अधिकार होगा।
5 comments