नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि परिवार की व्यवस्था युवाओं को डिप्रेशन से बचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ औषधि है। श्री नायडू आज चेन्नई में इथिराज कॉलेज फॉर वूमैन के प्लेटिनम जुबली समारोहों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर तमिलनाडु के मत्स्य पालन और कार्मिक तथा प्रशासनिक सुधार मंत्री श्री डी.जयकुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पितृसत्ता, रूढ़िवाद, अतिवाद और धर्मांधता का सर्वश्रेष्ठ तोड़ महिलाओं को शिक्षित करना है। उन्होंने समाज को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए लड़कियों की शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। यदि भारत एक ऐसा देश बना है, जिसने संवैधानिक मूल्यों को ग्रहण किया है, तो उसे अपने विकास के प्रयासों के केन्द्र में लड़कियों की शिक्षा को अवश्य रखना चाहिए।
महिलाओं के साथ भेदभाव लिंग असमानता जैसी घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने ऐसी सामाजिक कुरीतियों से कड़ाई से निपटने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि महिला सशक्तिकरण राष्ट्रीय विकास की पूंजी है। उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में महिलाओं को शामिल करने के लिए भारत बड़े कदम उठा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय विकास में महिलाओं के योगदान की सराहना की और कहा कि भारतीय महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता का परिचय दिया है चाहे वह राजनीति हो, उद्योग, खेल, टेक्नोलॉजी, सेवा अथवा छात्रवृत्ति। उन्होंने साबित कर दिया है कि अवसर मिलने पर वे ऊंचाईयों को छू सकती हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा न केवल आर्थिक अवसरों का प्रवेश बिन्दु है, बल्कि सामाजिक विकास के सभी पहलुओं पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
युवाओं में डिप्रेशन के बढ़ते मामलों के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवा अपने आसपास के लोगों से अलग-थलग पड़ रहे है और अनुभवी सलाह के अभाव में वे डिप्रेशन में जा रहे हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे परिवार के वरिष्ठ व्यक्तियों के साथ नियमित बातचीत करें। घर में बातचीत के अभाव में वे मार्गदर्शन और सहयोग से वंचित रह जाते है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इंटरनेट और गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल से नौजवान प्रभावित हो रहे है। उन्होंने छात्रों और युवाओं से कहा कि वे एक कड़े नियम का पालन करें और शारीरिक व्यायाम के लिए समय निर्धारित करें।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इथिराज कॉलेज फॉर वूमैन ने 1948 में 96 लड़कियों के साथ मामूली शुरूआत की थी और आज यह चेन्नई का सबसे बड़ा महिला कॉलेज है, जहां करीब 8,000 छात्राएं है। उन्होंने कहा कि कॉलेज ने मनोरंजन, विज्ञान और टेक्नोलॉजी तथा अन्य क्षेत्रों में दिग्गज पैदा किये है।