लखनऊ: प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए आगामी 01 से 30 सितम्बर तक पूरे प्रदेश में जिला उद्यमी समागम का आयोजन किया जायेगा। इसमें पारम्परिक कारीगरों एवं उद्यमियों को ओ0डी0ओ0पी0 के तहत प्रदान की जाने वाली सुविधाओं से अवगत कराया जायेगा। इसके साथ ही छोटे उद्योग को बड़े व्यवसाय बनाने संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये जायेंगे। उन्होंने इस समागम में कारीगरों, उद्यमियों, लघु व्यापरियों सहित बैंक, प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड, अग्नि शमन आदि विभिन्न विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश जनपदीय अधिकारियों को दिए।
डा0 सहगल आज यहां स्थानीय निर्यात भवन के सभागार में ओ0डी0ओ0पी0 की समीक्षा कर रहे थे। इस बैठक में जिलाधिकारियों के द्वारा नामित नोडल आधिकारी, जी0एम0डी0आई0सी तथा सामान्य सुविधा केन्द्र (सी0एफ0सी0) के निर्माण हेतु सर्वे कार्य में लगी एजेंन्सी के कन्सलटेंट मौजूद थे। उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और यह कार्यक्रम शासन की प्राथमिकता में शामिल है। इसलिए इसके क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर चूक नहीं होंनी चाहिए।
प्रमुख सचिव ने कहा कि जिले के हर उत्पाद के लिए टेªनिंग एवं डिजाइन इंस्टीट्यूट की स्थापना पर बल दिया जा रहा है। जिलों में प्रसिद्ध द्वितीय प्रोडेक्ट को भी ओ0डी0ओ0पी0 में सम्मिलित किया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि हर जिले में मेले/प्रदर्शिनयों का आयोजन किया जाय और उसमें एक बड़ा हिस्सा ओ0डी0ओ0पी0 के लिए सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि कलाकार अपने पारंपरिक व्यवसाय से दूर होते जा रहे हैं, इनको वापस मुख्य धारा में लाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जाय।
डा0 सहगल ने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना के तहत मार्जिन मनी, मार्केट डेवलेपमेंट असिस्टेंस, कौशल विकास तथा टूलकिट वितरण योजना के लक्ष्यों को फरवरी, 2020 तक प्रत्येक दशा में प्राप्त कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि आगामी 02 अक्टूबर को पारम्परिक 4000 से अधिक कारीगरों को टूलकिट का वितरण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त कारीगरों में 5000 करोड़ रुपये का ऋण वितरण भी कराया जायेगा।
प्रमुख सचिव ने कहा कि अधूरे सी0एफ0सी0 को जल्द से जल्द पूर्ण कराकर उसका उपयोग ओ0डी0ओ0पी0 के लिए सुनिश्चित किया जाय। हर जिले में कम से कम एक सी0एफ0सी0 की स्थापना कराई जायेगी। उन्होंने सी0एफ0सी0 के लिए बेस लाइन सर्वे कर रही एजेंसी के अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे सर्वे का काम पूरी इमानदारी से करें। एजेंसी जो प्रस्ताव उपलब्ध कराये उसमें सी0एफ0सी0 के सभी पहलुओं का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। कन्सलटेंट स्टेक होल्डर्स के साथ नियमित रूप से बैठक करें और इसमें एसोसिएशन एवं स्वैच्छिक संस्थाओं की भी सहभागिता सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश को उद्यम क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए स्टेक होल्डर्स की भी भागीदारी प्राप्त की जाय। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए ओ0डी0ओ0पी0 महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। छोटे उद्योगों में रोजगार की अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं।