बरेली: उत्तर प्रदेश बेमौसम बारिश के कारण फसल चौपट हो जाने से प्रदेश में किसानों द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला अब भी जारी है. इसी क्रम में भमौरा के गांव मिलक मझारा के रहने वाले किसान शिशुपाल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है. बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से तबाह हुई फसलों से हताश किसानों के लिए कर्ज जानलेवा साबित हो रहा था. कर्ज में डूबे किसान ने सुसाइड नोट में जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
मृतक किसान ने वर्ष 1995 में खादी ग्रामोद्योग से चक्की लगाने के लिए 33 हजार रुपए का लोन लिया था. इसके एवज में अबतक वह धीरे-धीरे करीब 74 हजार रुपए लौटा चुका था, लेकिन इसके बावजूद कर्ज की रकम कम नहीं हो रही थी. इसी बात को लेकर शिशुपाल अफसरों से मिलने सोमवार को लखनऊ गए थे लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. मंगलवार को घर लौटने पर वह बहुत दुखी थे.
उनके सिर पर खादी ग्रामोद्योग के अलावा दूसरे बैंक का भी 50 हजार रुपए कर्ज था. इधर, बारिश और ओलावृष्टि से फसल भी बर्बाद हो गई. इस बात से परेशान शिशुपाल ने मंगलवार दोपहर जहर खा लिया, घरवालों को पता चलते ही उन्हें मिशन हॉस्पिटल लाया गया, मगर रास्ते में ही शिशुपाल ने दम तोड़ दिया.