केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज कहा कि नए कृषि कानूनों के माध्यम से लाए गए अधिनियम के अनुसार अनुबंध समझौता भूमि के बजाय फसलों के लिए होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को इस बारे में कुछ और विश्वास करने के लिए गुमराह किया जा रहा है।
मोदी सरकार द्वारा लाए गए किसानों से संबंधित कानूनों के समर्थन में और कांग्रेस पार्टी द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार के खिलाफ अपने लोकसभा क्षेत्र से एक अभियान की शुरूआत करते हुए, डॉ.जितेन्द्र सिंह सीमावर्ती गांवों और कठुआ एवं उधमपुर जिलों के अन्य क्षेत्रों के पार्टी कार्यकर्ताओं, सरपंचों तथा बीडीसी अध्यक्षों को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, विडंबना यह है कि जब आम किसान संतुष्ट है और उसे इन कानूनों को लेकर कोई आशंका नहीं है, तो कुछ राजनीतिक रूप से प्रेरित स्वार्थी तत्व, जिन्हें खेती के बारे में कोई ज्ञान नहीं है या जिनकी खेती में कोई भागीदारी नहीं है, किसानों को गुमराह कर इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कियह भारत के कृषक समुदाय और बड़े पैमाने पर आम लोगों के हित में होगाकि सभी समान विचारधारा वाले लोग बाहर निकलें और स्वार्थी तत्वों द्वारा शुरू किए गए दुष्प्रचार एवं दुर्भावनापूर्ण अभियान का मुखर विरोध करें।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पूछा कि जब यह विधेयक स्पष्ट रूप से किसानों की जमीन की बिक्री करने, उसे पट्टे पर देने या बंधक रखने पर प्रतिबंध लगाता है, तो कुछ पूंजीपतियों द्वारा किसानों की जमीन लेने, जैसाकि आरोप लगाया जा रहा है, का सवाल कहां है? उन्होंने कहा कि इसविधेयक में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि समझौता फसलों के लिए होगा, न कि भूमि के लिए।
इसके अलावा, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा किकिसानों के साथ अनुबंध समझौता निर्धारित मूल्य पाने के लिए है। यही नहीं, नया अधिनियम किसानों को बिना किसी दंड के किसी भी समय अनुबंध से हटने का भी प्रावधान करता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने विपक्ष पर काल्पनिक मुद्दे, जिनका इस कानून में कोई जिक्र नहीं है, उठाकर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, इस बात का कहीं भी उल्लेख नहीं है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का प्रावधान किसी भी समय समाप्त किया जाएगा। फिर भी, कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य लोग मासूम किसानों के मन में गलत भय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अपने पार्टी के साथियों से यह अपील की कि वे हर गांव में एक-एक किसान तक पहुंचें और उन्हें उनके खिलाफ रची जा रही बड़ी साजिश के बारे में समझएं। उन्होंने कहा कि यह कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई व्यापक कल्याणकारी पहलों का लाभ उठाने में कृषक समुदाय को सक्षम बनायेगा।