हल्द्वानी: प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत द्वारा कृषक महोत्सव रबी 2015 का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होने न्याय पंचायतों मे जाने वाले दस रथों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
वानिकी प्रशिक्षण संस्थान प्रांगण मे आयोजित कार्यक्रम में मौजूद किसानो एवं लोगो को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सरकार विकास कार्यो का जायजा लेने और जनसमस्यायें सुनने के लिए जनता के द्वार पहुच रही है। वही सरकार किसानो के द्वार पर भी पहुच रही है। सरकार का प्रसाय है किसान के खेत और खलिहान के बीच पहुचकर नई कृषि तकनीकी और उपज बढाने वाले तरीकों की जानकारी किसानाें को दी जाए। उन्होने कहा कि हमारे प्रदेश के आर्थिकी विकास में किसानों विशेषकर महिला किसानाें का विशेष योगदान है। उन्होने कहा कि कृषि महकमे के द्वारा प्रदेश के हर न्याय पंचायत स्तर पर विकास रथाें के माध्यम से किसानो को जानकारी दी जायेगी। इसके लिए प्रदेशभर मे विकास रथ 3 नवम्बर तक भ्रमण पर रहेगे। उन्होने किसानो से अपील की कि वह सरकार के इस प्रयास का भरपूर लाभ उठायें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा खेती के विस्तार के लिए विशेष प्रयास किये गये है अब तक 129 लेजर लैण्ड लैवलर किसानो को दिये गये है। पर्वतीय क्षेत्रो मे विगत तीन वर्षो मे 203 पावर बीडर तथा पावर टिलर किसानो को उपलब्ध कराये गये है। इसी प्रकार 1.83 लाख मृद्वा स्वास्थ कार्ड भी किसानो को दिये गये है। अगले वर्ष तक नैनीताल, उधमसिह नगर, हरिद्वार व देहरादून जनपदो के शतप्रतिशत कृषकों को मृदा स्वास्थ कार्ड जारी किये जायेंगे। श्री रावत ने कहा कि 60 वर्ष की आयु के किसानो के लिए सरकार द्वारा किसान पेंशन योजना लागू की गयी है। उन्होने कहा कि दीवाली से पूर्व सरकार गन्ना किसानो के बकाया मूल्य का 80 प्रतिशत भुगतान कर देगी। उन्होने कहा कि हमने जिलाधिकारियो को निर्देश दिये है कि धान क्रय केन्द्र तब तक खुले रहेंगे जब तक किसानो का धान का एक-एक दाना क्रय ना कर लिया जाए। उन्होने किसानो का आह्वान किया कि वे खेती की ओर लौटे सरकार उनके साथ है तथा उनकी उपज का विपणन भी सरकार द्वारा किया जायेगा।
अपने सम्बोधन में कृषि मंत्री हरक सिह रावत ने बताया कि प्रदेश के 670 न्याय पंचायतो मे विगत तीन वर्षो में तीन बार कृषक महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमे कुल 325656 किसानो ने प्रतिभाग किया तथा 824.29 लाख का कृषि निवेश भी बिकी्र किया गया। उन्होने बताया कि इस महोत्सव के जरिये प्रत्येक न्याय पंचायत तक पहुचने वाले विकास रथों द्वारा सरकार द्वारा किसानो के दी जा रही सुविधाओ की जानकारी एवं विभिन्न विषयो के तकनीकी पक्ष की जानकारी दी जायेगी। महोत्सव स्थलो पर किसानो को बीज कृर्षि यन्त्र पौध सुरक्षा रसायन सब्जी एवं पुष्प बीज एवं पशुओ के रोगो सम्बन्धी जानकारी भी दी जायेगी। उन्होने कहा कृषको का वैज्ञानिकों एवं विभागीय अधिकारियो के साथ सीधा दोतरफा संवाद भी स्थापित होगा। इससे कृषकों की समस्याआें का मौके पर यथासम्भव समाधान किया जायेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार पौलीहाउस के माध्यम से खेती करने वाले किसानो को 80 प्रतिशत अनुदान दे रही है वही राजमा, मडुआ, रामदाना, भटट,चैलाई, झुगौरा, गहत का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया गया है। जिसके अनुसार इनकी खरीद की जा रही है। उन्होने कहा उत्तराखण्ड के उत्पादित सेब को वाजिद दाम दिलाने के लिए दिल्ली, महाराष्ट्र, लखनऊ में विशेष ब्रिकी केन्द्र स्थापित किये गये हैै। उन्होने कहा कि प्रदेश में रेशम का उत्पादन बढाने के लिए विशेष प्रयास किये गये है। अब उत्तराखण्ड में रेशम के कोकून से धागा तैयार कर रेशम वस्त्रांे शालों आदि का उत्पादन किया जा रहा है। श्री रावत ने कहा कि प्रदेश मे प्रतिवर्ष एक हजार एकड में चाय बागान विस्तारित करने की योजना है ताकि उत्तराखण्ड में उत्पादित चाय देश विदेश मे अपना मुकाम बना सके।
अपने सम्बोधन में वित्तमंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन किसानो को जहां तकनीकी जानकारी देते है, वही उनकी समस्याओ का मौके पर निराकरण होता है। कृषि के सतत् एवं समग्र विकास में इन महोत्सवो की अहम भूमिका है। इन महोत्सवो से मिलने वाली जानकारी निश्चय ही किसानो मे नई ऊर्जा का संचार करेगी।
अपने सम्बोधन में श्रम एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री हरीश दुर्गापाल ने कहा कि किसानों विशेषकर महिलाओं के आर्थिक उन्नयन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा दुग्ध व्यवसाय को आम आदमी से जोडा है प्रदेश मे दुध का उत्पादन बढा है, तथा प्रदेश के चार दुग्ध संघ घाटे से उबरकर लाभ की स्थिति में आ गये है। प्रदेश में गंगा गाय योजना के माध्यम से महिलाओ को अनुदान पर दुधारू जानवर दिये जा रहे है।