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किसान अपने गन्ने की कटाई पर्ची एस.एम.एस. आने पर ही शुरू करें

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

लखनऊ: प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि, किसानों को गन्ने से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराने हेतु ’’ई.आर.पी.’’ व्यवस्था लागू की गयी है। यह देखने में आया है कि, सहकारी चीनी मिलांे यथा, घोसी, सठियांव एवं सुल्तानपुर तथा निगम क्षेत्र की मुण्डेरवा, पिपराइच एवं कुछ निजी चीनी मिलों में कतिपय किसान ’’ई-गन्ना’’ एप पर अपने कैलेण्डर को देखकर गन्ने की कटाई कर दे रहे हैं जबकि कैलेण्डर में निर्धारित समय के अनुसार पर्ची जारी करने में मिल में अचानक आयी कठिनाईयों एवं मौसम खराब होने के कारण विलम्ब सम्भावित रहता है। कृषक को गन्ना आपूर्ति हेतु पर्ची की सूचना एस.एम.एस. के माध्यम से दी जा रही है, जिसके उपरान्त कम से कम 72 घण्टे का समय गन्ना आपूर्ति हेतु दिया जाता है। किसान भाईयों द्वारा 3 से 4 दिन पूर्व काटे गये गन्ने की आपूर्ति किये जाने की स्थिति में गन्ने का वजन 5 से 8 प्रतिशत कम हो जाता है तथा प्रति 24 घण्टे के विलम्ब पर चीनी की रिकवरी भी 0.25 प्रतिशत घट जाती है। 72 घण्टे से अधिक पुराने गन्ने की आपूर्ति से जहां एक ओर गन्ने का वजन कम होने से कृषक को धन हानि होती है वहीं दूसरी ओर चीनी की रिकवरी कम होने पर चीनी मिल को भी वित्तीय हानि होती है, जिसके कारण चीनी मिल की गन्ना मूल्य भुगतान क्षमता पर भी प्रभाव पडता है।

उक्त जानकारी देते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के लगभग 50 लाख किसान तथा उनके परिवार को मिलाकर लगभग 2.50 करोड़ व्यक्तियों की आजीविका का मुख्य स्रोत गन्ना है। ऐसे में कुछ किसानों की वजह से सभी किसानों का नुकसान हो अच्छा नहीं हैं तथा यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी भी दशा में चीनी मिलों द्वारा पुराना कटा हुआ सूखा गन्ना नहीं लिया जायेगा तथा ऐसे गन्ना आपूर्ति करने वाले कृषकों का सट्टा बन्द किया जायेगा।

किसान भाईयों से अपील है कि, पर्ची निर्गत होने का एस.एम.एस. प्राप्त होने पर ही अपने गन्ने की कटाई करके चीनी मिलों को ताजे गन्ने की आपूर्ति करें और अपने गन्ने के वजन से होने वाले नुकसान के साथ-साथ चीनी मिल को चीनी परता में होने वाले नुकसान से बचाये। इससे एक ओर किसान को अपनी पैदावार का पूर्ण मूल्य मिलेगा और दूसरी ओर चीनी मिल की भुगतान क्षमता भी अच्छी बनेगी। अतः चीनी मिल को जड़, पत्ती एवं मिट्टी रहित ताजा गन्ना आपूर्ति कर बेहतर गन्ना प्रबन्धन करने में सहयोग प्रदान करें।

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