लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने फल-सब्जी के लघु एवं सीमान्त कृषक उत्पादकों को अपना उत्पाद यातायात के अभाव में स्थानीय हाट/बाजार में न बेचना पड़े, इसलिए उनके उत्पाद को निकटतम मण्डी में लाने हेतु परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये मण्डी परिषद के माध्यम से प्रथम चरण में 05 मण्डियों यथा कन्नौज, बहराइच, कानपुर, महोबा एवं ललितपुर मे सुगम परिवहन योजना परीक्षण के तौर पर प्रारम्भ की है। शासन द्वारा कालान्तर में श्रेष्ठतर परिणाम परिलक्षित होने पर इसे विस्तारित किये जाने पर विचार किया जायेगा। यह योजना भी कृषकों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने तथा उनके जीवन स्तर को श्रेष्ठ बनाने के निमित्त ही है।
इसी क्रम में राज्य सरकार ने किसानों/दुग्ध उत्पादकों के लिए दुग्ध परिवहन योजना शुरू की है। यह योजना जनपद-गाजीपुर से वाराणसी तक निम्नांकित रूप के अनुसार दुग्ध के निःशुल्क परिवहन हेतु दो बसें चलायी जा रही हैं। रूट एवं समय निम्नांकित है गाजीपुर-देवकली-सैदपुर होते हुए वाराणसी। गाजीपुर से प्रातः 5ः00 बजे प्रस्थान तथा वाराणसी से अपरान्ह 2ः00 बजे गाजीपुर हेतु वापसी गाजीपुर-जंगीपुर-सादियाबाद-सादा त-सैदपुर होतु वाराणसी गाजीपुर से प्रात 8ः00 बजे प्रस्थान तथा वाराणसी से अपरान्ह 4ः00 बजे गाजीपुर हेतु वापसी होगी। दुग्ध व्यवसायी/दुग्ध उत्पादक किसान इसका लाभ उठा रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में भण्डारण सुविधा का विकास करने के लिए ठोस व्यवस्था की है। भण्डारगृह की भण्डार रसीद को नेगोशियेबुल इन्स्टूमेंट के रूप में प्रयोग कर मण्डी अधिनियम के उद्देश्यों के अन्तर्गत पीक सीजन में आवक की अधिकता के कारण भाव में कमी एवं डिस्ट्रेस सेल को रोकने, कृषक/उत्पादक को उसकी उपज का अधिकतम मूल्य प्राप्त करने तथा खाद्य सुरक्षा के दृष्टिगत शीघ्र नाशवान कृषि एवं औद्यानिक उत्पाद की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के उद्देश्य से भण्डारण नीति के प्रस्ताव पर कार्यवाही गतिशील है। इस योजना के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड में निर्मित होने वाले सात विशिष्ट मण्डी स्थलों में प्रत्येक में 20 हजार मी0टन क्षमता के गोदाम बनाये जा रहे हैं।