लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिलाने, उन्हें बिचौलियों के शोषण से मुक्ति दिलाने एवं परम्परागत मण्डियों में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सम्पूर्ण प्रदेश में 250 मण्डी समितियों तथा 366 उप मंण्डियों को विनियमित कर दिया है।
राज्य सरकार ने किसानों को अपने कृषि उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं को विक्रय की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मण्डी परिषद के माध्यम से बड़े शहरों में एग्रीमाल की तर्ज पर 2 से 10 एकड़ तक की भूमि चयन करके उन पर ‘‘किसान बाजार‘‘ के नाम से व्यवसायिक रूप से अत्याधुनिक विशिष्ट बाजार विकसित करने की योजना शुरू की है। किसान बाजारों में किसानों द्वारा अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं को फुटकर बेचने पर कोई भी मण्डी शुल्क देय नहीं होगा।
सरकार ने किसानों को किसान बाजारों में अपने कृषि उत्पादों की व्रिकी करने उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से यथा संभव क्लीनिंग, ग्रेडिंग, सार्टिग एवं पैकेजिंग की भी व्यवस्था सुनिश्चित की है। इन बाजारों में लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लोक कलाकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान किये जाने की सुदृढ़ व्यवस्था की जायेगी।
राज्य सरकार ने किसान बाजारों मंे हैण्डीक्राफ्ट एवं हैण्डलूम के दस्तकारों को भी अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने एवं बिक्री करने का अवसर दिए जाने की सुविधा प्रदान की है। इस अत्याधुनिक किसान बाजार में कुछ दुकाने अन्य वस्तुओं की फुटकर बिक्री के लिए भी उपलब्ध करायी जायेगी। किसान बाजार में आने वाले व्यक्तियों एवं उपभोक्ताओं हेतु आधुनिक मार्केटिंग व्यवस्था के समावेश के साथ ही तदनुसार मनोरंजन खान-पान तथा सामुदायिक गतिविधियों की सुविधायें भी उपलब्ध करायी जायेगी।