नई दिल्ली: केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, श्री राम विलास पासवान ने कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमानों के आंकड़ों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रिकॉर्ड उत्पादन से किसानों ने यह प्रमाणित किया है कि वे सरकार की किसान हितैषी नीतियों में विश्वास रखते हैं। श्री पासवान ने केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह को भी बधाई दी और कहा कि हाल ही में उनके द्वारा 16 फरवरी, 2017 को मीडिया के साथ वर्ष 2016-17 के दूसरे अग्रिम अनुमान साझा किए गए, जिसमें खाद्यान्नों की मुख्य फसलों का उत्पादन 271.98 मिलियन टन होने का विश्वास व्यक्त किया गया है।
श्री पासवान ने कहा कि NDA सरकार आने के बाद लगातार 2 वर्ष तक सूखाग्रस्त स्थिति से निपटने के बाद पहली बार अच्छे मानसून और केन्द्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों का लाभ अब आम जनता को मिलने लगा है। केन्द्र सरकार की किसान कल्याण की मंशा हमेशा स्पष्ट रही है। यही कारण है कि देश के किसानों ने आज गत वर्ष की तुलना में 7% अधिक गेहूं, 11% से अधिक दलहन और 6% से अधिक तिलहनों की बुवाई की है। इस वर्ष दलहन का 221.4 लाख टन का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। इसी प्रकार गेहूं का भी 965 लाख टन उत्पादन का अनुमान है। केन्द्र सरकार ने ऐसी नीति बनाई है कि किसानों को उनकी फसल की लागत का भुगतान पारदर्शी ढंग से सीधे उनके खातों में किया जाए। दालों में MSP को बढ़ाने के साथ-साथ गेहूं, धान और तिलहन में भी किसानों की लागत को देखते हुए MSP में अच्छी बढ़ोतरी की गई है। श्री पासवान ने बताया कि इस वर्ष के चालू खरीद सीजन में भी किसानों से 444 लाख टन धान की रिकॉर्ड खरीद की गई है।
श्री पासवान ने कहा कि देश के किसानों ने दालों की रिकॉर्ड पैदावार की है, किन्तु मूंग और अरहर में यह शिकायत आने लगी कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा है। सरकार ने पहले मात्र 1½ लाख टन का जो बफर स्टॉक बनाया था, उसे किसानों के हित में बढ़ा कर 20 लाख टन कर दिया और आज केन्द्र की तीन एजेंसियां FCI, NAFED और SFAC के माध्यम से किसानों से सीधे खरीद कर रही है, जो अभी जारी है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष गेहूं का उत्पादन 965 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है। बुवाई के क्षेत्रफल और मौसम को देखते हुए इस बार गेहूं की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है। खाद्य विभाग ने 15 फरवरी, 2017 को देश में गेहूं उत्पादन करने वाले राज्यों की बैठक की, जिसमें आगामी रबी खरीद सीजन 2017-18 में 330 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। 330 लाख टन गेहूं की खरीद के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं और किसानों को गेहूं का MSP मिल सके, इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी। देश के पूर्वी राज्यों के किसानों के लिए भी खरीद के विशेष इन्तजाम किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 8 दिसम्बर, 2016 को उपभोक्ता हित में गेहूं का आयात शुल्क घटाया था। आयात शुल्क घटाने के लगभग 2 माह के अंदर 30-40 लाख टन गेहूं का आयात हो चुका है। इस वर्ष कुल मिला कर 55 लाख टन से अधिक गेहूं का आयात हो गया है। अब गेहूं की फसल मार्च से बाजार में आनी शुरू हो जाएगी। सरकार का यह अनुभव रहा है कि बढ़ी हुई कीमतों का लाभ व्यापारी उठा लेते हैं और जब किसानों की बारी आती है तो उन्हें औने-पौने दामों में अपनी फसल को बेचना पड़ता है। जिस प्रकार सरकार ने दालों के मामले में कदम उठाए हैं और आज दलहन पैदा करने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा है, उसी प्रकार गेहूं का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए भी हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर आयात शुल्क बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा।
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