कृषि मंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘‘किसान भागीदारी, प्राथमिक हमारी’’ अभियान (25-30 अप्रैल 2022) की शुरुआत करते हुए देश भर के किसानों के साथ बातचीत की, जो भारत के विभिन्न राज्यों के शहरों और कस्बों में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में मौजूद थे। बातचीत का उद्देश्य किसानों को भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं से अवगत कराना और उपलब्धियों तथा जमीनी स्तर पर किसानों को मिलने वाले लाभों का आकलन करना था।
किसानों के साथ बातचीत करते हुए कृषि मंत्री ने देश की रीढ़ कृषि क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि तकनीक की मदद से पारदर्शिता का षानदार उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्यों और केंद्र सरकार ‘आत्मनिर्भरता’ के लिए अनुदान देती है, जिसके लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना, फसलों का विविधीकरण और निर्यात बाजार में गुणवत्ता बनाए रखना आवश्यक है।
मंत्री ने किसानों से कहा कि वे समय के साथ प्रयोग करने और बदलने के लिए तैयार रहें, उन्हें नई किस्म के बीजों का उपयोग करने, अपनी मिट्टी की गुणवत्ता का परीक्षण करने, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में शामिल होने और ड्रोन सहित प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के सुरक्षा कवच के तहत आने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। प्राकृतिक खेती पर मंत्री ने कहा कि इसे बढ़ावा दिया जा रहा है और आईसीएआर इसे पाठ्यक्रम में शामिल कर रहा है।
श्री तोमर ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) विकसित प्रौद्योगिकियों को कृषक समुदाय तक ले जाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। केवीके कृषि प्रगति में अग्रणी हैं, जिनका किसानों से सीधा संपर्क है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र के उत्पादों का निर्यात करीब चार लाख करोड़ रुपये था। जिसमें किसानों का योगदान सराहनीय है। किसानों की अथक मेहनत, वैज्ञानिकों का कौशल और सरकार की किसान हितैषी नीतियों के परिणाम सामने आ रहे हैं और किसानों की आय भी लगातार बढ़ रही है, जिसका खुलासा आज के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान देश विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों में मौजूद किसानों से बातचीत के दौरान भी हुआ है।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केवीके में किसानों के साथ बातचीत के दौरान उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि हाल के दिनों में कुछ किसानों की आय दोगुनी से अधिक हो गई है।
कृषक समुदाय को मजबूत करने के लिए ‘‘किसान भागीदारी प्रथमिकता हमारी’’ अभियान समर्पित किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की। इसमें देश भर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों और अन्य कृषि संस्थानों में लाखों किसानों, कई सांसदों और अन्य जन प्रतिनिधियों और वैज्ञानिकों ने मेलों के माध्यम से भाग लिया।
एटीएमए के सहयोग से आज प्रत्येक केवीके में ‘‘किसान भागीदारी प्राथमिक हमारी’’ कृषि मेला का आयोजन किया गया। जैविक खेती, प्राकृतिक खेती, स्टार्टअप, एपीएमसी, ई-नाम, एफपीओ पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। बागवानी गतिविधियों पर सेमिनार, कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं।
उद्घाटन सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने अपने विचार व्यक्त किए। संयुक्त सचिव श्री सैमुअल प्रवीण कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया। संयुक्त सचिव श्री रितेश चौहान ने धन्यवाद भाषण दिया। इस अभियान में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालय शामिल हैं।