नई दिल्ली: इस वर्ष 15 दिसम्बर से ‘फास्टैग’ के जरिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह पर अमल के साथ ही फास्टैग की बिक्री ने काफी तेजी पकड़ ली है। 1.15 करोड़ से भी अधिक फास्टैग तो पहले ही जारी किए जा चुके हैं, जबकि 1 लाख से भी अधिक फास्टैग प्रतिदिन जारी किए जा रहे हैं। फास्टैग वाहन चालकों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल प्लाजा से गुजरने में काफी सहूलियत प्रदान करता है। यह राजमार्गों पर एक त्वरित एवं सुविधाजनक टूल या साधन के रूप में काफी मददगार साबित हुआ है, जो डिजिटल इंडिया के सच्चे प्रतीक को दर्शाता है।
क्षेत्रीय अधिकारियों (फील्ड ऑफिसर) के अथक प्रयासों के साथ-साथ सभी शुरुआती मुद्दों को सुलझाने के लिए मुख्यालय स्तर पर निगरानी की अच्छी व्यवस्था की बदौलत एनएचएआई राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए आवाजाही में प्रतिदिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। फास्टैग के जरिए आवाजाही के आंकड़े के 30 लाख के पार चले जाने के साथ ही प्रतिदिन होने वाला इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह 52 करोड़ रुपये के पार चला गया है।
फास्टैग को अपनाने में काफी आसानी होने से राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले वाहन चालक पहले से ही काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं, जिससे टोल प्लाजा पर बाधाओं को कम करने और वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने में काफी मदद मिल रही है। फास्टैग रिचार्ज कराने को काफी आसान बनाने के लिए भारत सरकार ने हाल ही में रिचार्ज के कई अन्य तरीकों में भीम यूपीआई एप को भी शामिल कर लिया है। इसने किसी भी यूपीआई पंजीकृत बैंक के जरिए फास्टैग को रिचार्ज कराने का मुद्दा सुलझा लिया है।
फास्टैग को अमल में लाना राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन चलाने वालों को सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं निर्बाध सफर सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।