नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान में सहायक फास्टैग अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन पर उपलब्ध है। फास्टैग को जनवरी, 2019 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रोत्साहित कम्पनी आईएचएमसीएल ने लांच किया था। राजमार्ग प्राधिकरण का फास्टैग बैंक तटस्थ फास्टैग है यानी उपभोक्ता द्वारा किसी बिक्री केन्द्र से खरीद के समय या ऑनलाइन माध्यम से खरीद के लिए पहले से कोई बैंक निर्धारित नहीं है। उपभोक्ता गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध माई फास्टैग मोबाइल ऐप से फास्टैग को अपने वर्तमान बैंक खाते से लिंक किया जा सकता है।
ऑनलाइन एनएचएआई फास्टैग की परिकल्पना स्वयं कार्य करने के रूप में की गई है यानी उपभोक्ता माई फास्टैग मोबाइल ऐप में उपभोक्ता तथा वाहन का विस्तृत ब्यौरा इंटर करके फास्टैग स्वयं सक्रिय कर सकते हैं। इसके बाद उपभोक्ता को अपनी पसंद के वर्तमान बैंक खाते से टैग को लिंक करना होगा। वर्तमान में बैंक से लिंक करने की सुविधा सात बैंकों यानी एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, पेटीएम पैमेंट्स बैंक तथा इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक में उपलब्ध है। एनएचएआई फास्टैग ऑनलाइन रूप से चार पहिया वाहनों यानी कार/जीप/वैन के लिए ही उपलब्ध है।
आईएचएमसीएल का फोकस फास्टैग उपभोक्ता के यूजर्स अनुभव को बढ़ाना है। कम्पनी सक्षम टोल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए नई रणनीति बनाने का काम कर रही है। फास्टैग दिल्ली-एनसीआर में चुनिंदा पेट्रोल पम्पों तथा चिन्हित सामान्य सेवा केन्द्रों (सीएससी) पर भी उपलब्ध है। इसका विस्तार अन्य मेट्रों शहरों तक करने की प्रक्रिया चल रही है। यह ऑनलाईन बिक्री व्यवस्था आईएचएमसीएल के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे उपभोक्ताओं के दरवाजे पर फास्टैग की सहज उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
अभी 22 प्रामाणित बैंकों द्वारा भी फास्टैग जारी किए जा रहे है। बैंक द्वारा यह फास्टैग राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजा पर बने बिक्री केन्द्र, चुनिंदा बैंक शाखाओं आदि के माध्यम से जारी किए जाते हैं, लेकिन इन प्रामाणित बैंकों द्वारा जारी किए गए फास्टैग में उपभोक्ता के पास अपने पसंद के बैंक खाते के साथ इसे लिंक करने का विकल्प नहीं है। आईएचएमसीएल द्वारा एनएचएआई फास्टैग की ऑनलाइन उपलब्धता से यूजर्स अनुकूलता बढ़ेगी और बाधारहित ढंग से डिजिटल भुगतान होगा, जिसके परिणामस्वरूप समय, धन और ईंधन की बचत होगी। टोल के डिजिटल भुगतान से पारदर्शिता में वृद्धि होगी और नकद रहित लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को समर्थन देते हुए पूरा देश कम नकद लेन-देन करने वाला देश हो जाएगा।