फास्टैग के जरिये टोल संग्रह 24 दिसंबर 2020 को रिकॉर्ड 50 लाख दैनिक लेनदेन के साथ पहली बार 80 करोड़ रुपये प्रति दिन के पार पहुंच गया जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। अब तक 2.20 करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किए गए हैं और राजमार्ग उपयोगकर्ताओं द्वारा फास्टैग को अपनाने से अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। वाहनों के लिए फास्टैग 1 जनवरी 2021 से अनिवार्य होने के साथ ही एनएचएआई ने टोल प्लाजा पर वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए हैं। फास्टैग को अपनाने से राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को टोल प्लाजा पर समय और ईंधन की बचत करने में मदद मिली है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में किए गए हालिया संशोधन से डिजिटल लेनदेन को उल्लेखनीय बढावा मिला है।
फास्टैग देश भर में 30,000 से अधिक पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर आसानी से उपलब्ध है और एनएचएआई टोल प्लाजा पर अनिवार्य रूप से इसे उपलब्ध कराया गया है। यह एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील के जरिये ऑनलाइन भी उपलब्ध है। इस कार्यक्रम के लिए 27 जारीकर्ता बैंकों के साथ भागीदारी की गई है और इसके रिचार्ज को सुगम बनाने के लिए कई विकल्पों, जैसे भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस), यूपीआई, ऑनलाइन भुगतान, माई फास्टैग मोबाइल ऐप, पेटीएम, गूगल पे आदि को शामिल किया है। इसके अलावा उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए टोल प्लाजा पर मौजूद प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) पर नकद रिचार्ज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
फास्टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक का उपयोग किया गया है जो उपयोगकर्ताओं को टोल प्लाजा पर बिना रुके सुगम और सहज क्रॉस-ओवर प्रदान करती है। फास्टैग के जरिये भुगतान डिजिटल तरीके से किया जाता है जो उससे लिंक्ड बैंक वॉलेट के जरिये होता है। चूंकि सामाजिक दूरी अब नया मानदंड बन गई है और ऐसे में यात्री फास्टैग को टोल भुगतान के विकल्प के रूप में तेजी से अपना रहे हैं क्योंकि इसमें टोल ऑपरेटरों और ड्राइवरों के बीच संपर्क की संभावना लगभग नहीं होती है। राजमार्गों पर टोल संग्रह के लिए एक समावेशी तकनीकी उपकरण होने के नाते फास्टैग कहीं अधिक व्यावहारिक और लाभकारी विकल्प है।
फास्टैग को लागू करना राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को सुरक्षित, सुगम और निर्बाध यात्रा प्रदान करने की दिशा में उठाया गया एक उल्लेखनीय कदम है।