32 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

त्यौहार हमें नदियों एवं जल संरक्षण के प्रति प्रेरित करते हैं: प्रधानमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सरकारी आवास पर रेडियो पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सुना।

प्रधानमंत्री जी ने कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियो को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि हम ऐसा क्या कर सकते हैं कि जिससे अपने स्वयं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ देश व समाज को आगे बढाने में योगदान दे सकें। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज विश्व की गणमान्य संस्थाओं ने भी माना है कि भारत ने आम लोगों को गरीबी से मुक्ति दिलाने की दिशा में सराहनीय कार्य किया है।

प्रधानमंत्री जी ने त्यौहारों पर आधारित कैलेण्डर की चर्चा करते हुए कहा चन्द्रमा और सूर्य की गति पर आधारित, चन्द्र और सूर्य कैलेण्डर के अनुसार पर्व और त्यौहारों की तिथि निर्धारित होती है व कई क्षेत्रों में ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार भी त्यौहार मनाये जाते हैं। पारम्परिक कैलेण्डर से पता चलता है कि प्राकृतिक और खगोलीय घटनाओं के साथ हमारा बहुत पुराना सम्बन्ध है। हमारे त्यौहार हमें नदियों एवं जल संरक्षण के प्रति प्रेरित करते हैं। छठ एवं मकर संक्रान्ति जैसे पर्व हमें सूर्य की उपासना व सामाजिक मूल्यों की शिक्षा भी देते हैं।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि विविधता में एकता, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना की महक हमारे त्यौहारों में देखने को मिलती है। भारतीय संस्कृति में समाज और प्रकृति को एक माना गया है। यहां व्यक्ति और समष्टि एक ही है।

प्रधानमंत्री जी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि 15 जनवरी, 2019 से आयोजित होने वाले प्रयागराज कुम्भ-2019 में 150 से ज्यादा देश के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस बार कुम्भ में स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस बार श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान के बाद सैकड़ों वर्षों से किले में बंद अक्षयवट के पुण्य दर्शन भी कर सकेंगे।

 कुम्भ की दिव्यता से भारत की भव्यता पूरी दुनिया में अपना रंग बिखेरेगी। कुम्भ की तैयारियों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने विगत दिनों प्रयागराज में ‘इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर’ का लोकार्पण किया, जिससे श्रद्धालुओं को काफी मदद मिलेगी। कुम्भ की परम्परा हमारी महान सांस्कृतिक विरासत से पुष्पित और पल्लवित हुई है। कुम्भ मेला सेल्फ डिस्कवरी का भी एक बड़ा माध्यम है, जहां आने वाले हर व्यक्ति को अलग-अलग अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म का यह कुम्भ भारतीय दर्शन का महाकुम्भ है। आस्था का यह कुम्भ राष्ट्रीयता का महाकुम्भ बने। राष्ट्रीय एकता का महाकुम्भ बने। कलात्मकता का यह कुम्भ सृजन शक्तियों का भी महाकुम्भ बने।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More