एक ऐतिहासिक हैट्रिक लगाने का मौका बिल्कुल आखिरी मौके पर आकर छूट गया. दो बार अलग-अलग तरह से दुनिया जीत चुकी बेल्जियम की हॉकी टीम तीसरी बार अपनी सफलता दोहराने से चूक गई. दूसरी ओर 17 साल से इंतजार कर रही जर्मनी ने आखिर सफलता का स्वाद चख लिया.
ओडीशा में FIH हॉकी वर्ल्ड कप 2023 का अंत एक रोमांचक फाइनल के साथ हुआ, जिसमें जर्मनी ने डिफेंडिंग वर्ल्ड और ओलिंपिक चैंपियन बेल्जियम को पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से हराकर तीसरा खिताब जीत लिया.
रविवार 29 जनवरी को भुबनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में हुए फाइनल में जर्मनी ने बिल्कुल उसी अंदाज में वापसी की, जैसी उसने क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ की थी. जर्मनी ने दो गोल से पिछड़ने के बार एक बार फिर शानदार वापसी कर तीसरी बार वर्ल्ड कप जीत लिया और साथ ही हॉकी में बेल्जियम के पिछले पांच साल के दबदबे को खत्म किया. साथ ही 2018 में वर्ल्ड कप, 2021 में ओलिंपिक गोल्ड के बाद फिर वर्ल्ड कप के साथ हैट्रिक लगाने का सपना भी तोड़ दिया.
आखिरी मिनट में बराबरी
पूरे टूर्नामेंट की तरह ये फाइनल भी बेहद रोमांचक था और नियमित समय के बाद दोनों टीम 3-3 से बराबर थी लेकिन इसके बाद जर्मनी की टीम ने सडन डेथ में 5-4 से जीत दर्ज की. जर्मनी के लिए नियमित समय में निकलास वेलेन (29वें मिनट), गोंजालो पेइलाट (41वें मिनट) और कप्तान मैट्स ग्रेमबुश (48वें मिनट) ने गोल दागे. गत चैंपियन बेल्जियम की ओर से फ्लोरेंट वेन ओबेल फ्लोरेंट (10वें मिनट), टेंगास कोसिन्स (11वें मिनट) और टॉम बून (59वें मिनट) में गोल दागे.
तीसरी बार पिछड़ने के बाद वापसी
मौजूदा टूर्नामेंट में यह तीसरा मौका है जब जर्मनी ने 0-2 से पिछड़ने के बाद जीत दर्ज की जो टीम की मानसिक मजबूती और कभी हार नहीं मानने के रवैये को दिखाती है. जर्मनी ने इससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भी दो गोल से पिछड़ने के बाद जीत दर्ज की थी.
इतना ही नहीं, जर्मनी ने ऑस्ट्रेलिया और नेदरलैंड्स की बराबरी करते हुए अपने विश्व खिताब की संख्या को तीन तक पहुंचाया. जर्मनी ने इससे पहले 2002 और 2006 में भी खिताब जीते थे. पुरुष हॉकी विश्व कप में सर्वाधिक खिताब जीतने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम दर्ज है जिसने चार बार यह खिताब अपने नाम किया है.