नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण मंत्रालय देश की सिनेमाई विरासत की रक्षा के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने की संभावनाएं तलाश रहा है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अजय मित्तल ने कहा कि देश की सिनेमाई विरासत का संरक्षण राज्य सरकारों के सहयोग से किया जा सकता है। श्री मित्तल आज एनएफएआई पुणे में राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन पर आयोजित एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक को संबोधित रहे थे।
इस अवसर पर श्री मित्तल ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन की प्रगति की समीक्षा की है और इसके विस्तार के लिए कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मिशन न केवल फिल्मी विरासत का संरक्षण करेगा बल्कि यह यह भी अपने प्रचार-प्रसार और उपयोग को भी सुनिश्चित करेगा। यह युवाओं और बच्चों के बीच हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जागरूकता पैदा करने में सक्षम होगा।
मिशन को लागू करने में एनएफएआई के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री मित्तल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और संस्थाओं को शामिल कर वैश्विक मानकों के अनुसार परियोजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
इस उच्च स्तरीय समिति की बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए जिनमें अपर सचिव एवं एफ.ए. श्री सुभाष शर्मा, संयुक्त सचिव (फ़िल्म्स) श्री संजय मूर्ति, फिल्म प्रभाग के महानिदेशक श्री मुकेश शर्मा, एनएफएआई के निदेशक श्री प्रकाश मगदुम, ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी, एनएफएचएम श्री संतोष अजमेरा सहित फिल्म निर्माता श्री जाहनू बरुआ और श्री राजीव मेहरोत्रा शामिल थे। बैठक की अध्यक्षता सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अजय मित्तल ने की।