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वित्त मंत्री ने आईएफएससीए के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक की 3 प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी देने की भी घोषणा की

नई दिल्लीव्यापार

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज गिफ्ट सिटी में वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट मामले मंत्रालय के दो वित्त राज्य मंत्रियों और सचिवों सहित एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। प्रतिनिधिमंडल ने गिफ्ट सिटी, गांधीनगर में भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) कीवृद्धि और विकास के मामलों पर चर्चा की।

इस दौरान पूंजी बाजार और बैंकिंग एवं बीमा पर समानांतर रूप से कुछ परस्पर संवाद सत्रों का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता समूहों में संबंधित सचिवों के द्वारा की गई। कार्यक्रम के दौरान गिफ्ट सिटी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा प्रस्तुति दी गई और इसके पश्चात आईएफएससी अध्यक्ष द्वारा अपनी प्रस्तुति दी गई। इन प्रस्तुतियों में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस संदर्भ में प्रारंभिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए गिफ्ट-आईएफएससी की यात्रा के सभी पहलुओं में अब तक हुई प्रगति और गिफ्ट के भविष्य को और उन्नत बनाने के लिए किए जाने वाले उपायों को शामिल किया गया। तत्पश्चात, गिफ्ट-आईएफएससी में विकास के अवसरों के संबंध में एक खुली चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें वित्त मंत्री ने भाग लिया और इस दिशा में समाधान खोजने और सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस आयोजन के दौरान यह भी घोषणा की कि आर्थिक मामले विभाग ने पिछले हफ्ते ही अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससी) के तीन प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इनमें पहला प्रस्ताव 200 करोड़ रुपये रुपये का था जिसमें आईएफएससीए के मुख्यालय भवन के लिए सहायता अनुदान के रूप में 100 करोड़ रुपये और शेष 100 करोड़ रुपये सरकार से ऋण के रूप में हैं। दूसरा प्रस्ताव आईएफएससीए के सूचना-प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 269.05 करोड़ रुपये का था और तीसरा प्रस्ताव 45.75 करोड़ रुपये की आईएफएससीए फिनटेक योजना के लिए था।

वित्तमंत्री ने कहा कि भारत सरकार का प्रयास गिफ्ट सिटी में गिफ्ट-आईएफएससी के माध्यम से भारत को एक वैश्विक वित्तीय गंतव्य बनाना है।

श्रीमती सीतारमण ने गिफ्ट सिटी का भी दौरा किया और उन्हें इसकी अनूठी विशेषताओं के बारे में जानकारी भी दी गई। वित्त मंत्री ने ऑटोमेटेड वेस्ट कलेक्शन सिस्टम (एडब्ल्यूसीएस), भूमिगत उपयोगिता सुरंग, बुलियन वॉल्टिंग सुविधा के साथ-साथ इंडिया आईएनएक्स का भी दौरा किया। भारत में सोने की उच्च मांग को देखते हुए श्रीमती सीतारमण को एनएसई आईएफएससी, इंडिया आईएनएक्स और आईएफएससीए द्वारा इंडिया आईएनएक्स में गिफ्ट आईएफएससी में प्रस्तावित इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज पर भी एक प्रस्तुति दी गई।

वित्तमंत्री ने कहा कि बुलियन एक्सचेंज के जल्द ही कार्यान्वित होने की उम्मीद है जिसके लिए सुरक्षित वॉल्ट सुविधाओं सहित सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया है और यह परिचालन में है और इससे यह संकेत मिलता है कि बुलियन एक्सचेंज भारत के लिए एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। श्रीमती सीतारमण ने अधिकारियों से ऐसे विभिन्न तरीकों पर ध्यान देने को कहा, जिनके माध्यम से गिफ्ट आईएफएससी में अधिक कंपनियों को सूचीबद्ध किया जा सके इसके साथ-साथ यहां अधिक लेनदेन हो सके, कंपनियों द्वारा यहां से अधिक धन जुटाया जा सके और किस प्रकार से गिफ्ट आईएफएससी में बांड बाजार की गतिविधियों को और बेहतर एवं व्यापक बनाया जा सके।

वित्त मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि बेंगलुरु, हैदराबाद, गुरुग्राम और अन्य स्थानों में मौजूद फिनटेक और अन्य गतिविधियों से जुड़े प्रमुख स्टार्ट-अप के साथ संवाद की आवश्यकता है। श्रीमती सीतारमण ने गुजरात सरकार से आईएफएससी के बाहर लेकिन गिफ्ट सिटी के भीतर प्रमुख स्टार्ट-अप की सुविधा के विकल्पों को खोजने का भी आग्रह किया ताकि वैश्विक वित्तीय केंद्र के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को तैयार किया जा सके।

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