नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने ‘भारत निवेश सम्मेलन, 2016’ का उद्घाटन किया। उन्होंने सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में
कहा कि हम दुनिया में सबसे तेजी के साथ उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने रहने का इरादा रखते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के पास मौजूदा गति से भी तेज वृद्धि की क्षमता है। उन्होंने कहा कि हमें अभी भी अपनी वृद्धि की क्षमता को पहचानना है। उन्होंने कहा कि हम इंफ्रास्ट्रक्चर, निजी क्षेत्र तथा बैंकिंग क्षेत्र को बेहतर बनाना चाहते हैं ताकि वैश्विक मानकों को हासिल कर सकें। इसके लिए सडक़, राजमार्ग, फ्लाई ओवरों, रेलवे, पावर, हरित ऊर्जा, तेल एवं गैस, बंदरगाह और हवाई अड्डों समेत पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय संसाधनों का समुचित इस्तेमाल अपेक्षित है।
सड़क, रेलवे और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में विदेश निवेश को आमंत्रित करते हुए वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने सिंगापुर तथा संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के सॉवरेन सम्पत्ति कोषों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की। जेटली ने उनका ध्यान वैश्विक नरमी के इस दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति और देश की नीतियों में स्थिरता की ओर आकर्षित किया।
उन्होंने निवेशकों के सामने भारत में उपस्थित अवसरों को प्रस्तुत किया और उन्हें विशेष रूप से सड़क, राजमार्ग, तेल एवं गैस, शहरी बुनियादी ढांचा और रेलवे परियोजनाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
जेटली ने कहा कि निर्णय प्रक्रिया भी तेजी हुई है और निवेश की राह में मुश्किल बनी शर्तों को काट छांट दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले 19 महीने में मौजूदा सरकार ने निवेश के लिए दरवाजे खोल दिये हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि निर्णय प्रक्रिया तेज हो, नीतिगत बदलाव हो और ढांचागत सुधार समेत और स्थिति बेहतर हो। उन सुधारों की गति निरंतर बनी हुई है और दिशा सुनिश्चित है। इस तरह पिछले 19 महीनों में हमने भारत में निवेश का दरवाजा खोला है।
उन्होंने कहा कि ‘हमने प्रक्रियाओं को आसान बनाया है। जिन विभिन्न शर्तों की वजह से निवेश प्रक्रिया और मुश्किल हो जाती थी उन्हें खत्म किया है। हम कारोबार की सुगमता बढ़ाने के लिए सक्रियता से प्रयास कर रहे हैं। ’