केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इटली की अध्यक्षता में जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की तीसरी बैठक में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। 9 और 10 जुलाई 2021 को आयोजित दो दिवसीय बैठक में वैश्विक आर्थिक जोखिम, स्वास्थ्य चुनौतियों, कोविड-19 महामारी से उबरने के लिए नीतियां, अंतर्राष्ट्रीय कराधान, टिकाऊ पूंजी की उपलब्धता और वित्तीय क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
जी- 20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों ने कोविड-19 के नकारात्मक असर को दूर करने के लिए सभी मौजूदा नीतिगत संसाधनों का उपयोग करने के अपने संकल्प की फिर से दोहराया है।
श्रीमती सीतारमण ने इटली की अध्यक्षता में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पहचान किए गए डिजिटलीकरण, जलवायु संबंधी कार्रवाई और टिकाऊ इंफ्रास्ट्रक्टर उत्प्रेरकों की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने महामारी के दौरान भारत द्वारा तकनीकी के इस्तेमाल और सेवाओं की समावेशी पहुंच के अनुभवों को भी साझा किया।
वित्त मंत्री ने भारत में टीकाकरण का विस्तार करने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म के कुशल उपयोग सहित स्वास्थ्य प्रणाली और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारत सरकार की हालिया नीतिगत कदमों को भी साझा किया। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म को सभी देशों के लिए मुफ्त में उपलब्ध कराया गया है क्योंकि इस असाधारण संकट में मानवीय जरूरतें व्यावसायिक जरूरतों से आगे निकल गई हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जी-20 के फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप के सह-अध्यक्ष के रूप में, भारत यूके के साथ, डिजिटलीकरण को एक एजेंडा के रूप में देख रहा है, जो आगे भी आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। श्रीमती सीतारमण ने कोविड-19 के नए-नए वैरिएंट आने की वजह से वैश्विक स्तर पर जोखिम बढ़ा है। ऐसे में इस चुनौती से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समन्वय और सहयोग की बेहद जरूरत है।
वित्त मंत्री ने जी-20 समूह के अन्य सदस्यों के साथ समूह की उच्च स्तरीय स्वतंत्र पैनल की रिपोर्ट का स्वागत किया। महामारी से निपटने के लिए विभिन्न देशों द्वारा की जा रही तैयारियों के लिए वैश्विक स्तर पर पूंजी जुटाने पर पैनल ने रिपोर्ट तैयार की है। इसके तहत कहा गया है कि इस समय वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए बहुपक्षीय प्रणाली की तत्काल आवश्यकता है।
श्रीमती सीतारमण ने टिकाऊ पूंजी उपलब्धता के लिए इटली की अध्यक्षता में तैयार किए जा रहे रोडमैप पर अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि रिकवरी रणनीति के साथ जलवायु संबंधी चिंताओं को जोड़ना बेहद जरूरी है। वित्त मंत्री ने कहा कि पेरिस समझौते के सिद्धांतों पर आधारित जलवायु संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, रणनीतियों पर जोर देना चाहिए और जलवायु संबंधी पूंजी और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को समय पर पूरा करने की जरूरत है।
1 जुलाई को बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शिफ्टिंग (बीईपीएस-आईएफ) पर ओईसीडी/जी20 समावेशी फ्रेमवर्क द्वारा जारी “अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से उत्पन्न कर चुनौतियों का समाधान करने के लिए दो प्रमुख (स्तंभ) समाधान पर वक्तव्य” के संबंध में, जी-20 के वित्त मंत्रियों ने शेष मुद्दों का तेजी से समाधान करने के लिए ओईसीडी/जी20 बीईपीएस-आईएफ से आह्वान किया। श्रीमती सीतारमण ने सुझाव दिया कि एक निष्पक्ष, टिकाऊ और समावेशी कर प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए अभी और काम करने की जरूरत है । जिसके परिणामस्वरूप विकासशील देशों को जरूरत के अनुसार राजस्व प्राप्त हो सके।