केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के लिए भारत के गवर्नर श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एनडीबी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 7वीं वार्षिक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में ब्राजील, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश एवं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे नए सदस्य देशों के गवर्नर/ अल्टरनेट गवर्नर ने भाग लिया।
मौजूदा वैश्विक महामारी को देखते हुए एनडीबी की इस वार्षिक बैठक का आयोजन वर्चुअल तरीके से किया गया। इस साल की बैठक की मेजबानी/ अध्यक्षता भारत ने की। वार्षिक बैठक के लिए इस वर्ष का विषय था ‘एनडीबी: ऑप्टिमाइजिंग डेवलपमेंट इम्पैक्ट’ यानी एनडीबी: विकास प्रभाव का अनुकूलन जो मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में विशेष रूप से महत्वपूर्ण और प्रासंगिक है।
वित्त मंत्री ने अपने बयान में बहुपक्षवाद के महत्व और आर्थिक सुधार के लिए वैश्विक सहयोग की भावना को रेखांकित किया। इस संबंध में श्रीमती सीतारमण ने स्वीकार किया कि एनडीबी ने उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए खुद को एक भरोसेमंद विकास भागीदार के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बात को उजागर किया कि भारत इस साल आजादी के 75वें वर्ष को मना रहा है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत रही है और वह 8.9 प्रतिशत होने का अनुमान है जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। यह भारत के मजबूत लचीलेपन और तेजी से हो रहे सुधार को दर्शाता है। श्रीमती सीतारमण ने भरोसा जताया कि भारत चालू वित्त वर्ष एवं अगले वित्तीय वर्ष के दौरान उच्च विकास दर हासिल करना जारी रखेगा।
पिछले छह वर्षों के दौरान एनडीबी की प्रगति और उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए श्रीमती सीतारमण ने उजागर किया कि बैंक ने अपने मूल उद्देश्य के तहत उल्लेखनीय परिणाम दिए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने गुजरात के गिफ्ट सिटी में इंडिया रीजनल ऑफिस की स्थापना की दिशा में हुई प्रगति की भी सराहना की।
वित्त मंत्री ने एक सकारात्मक वक्तव्य के साथ अपने संबोधन को समाप्त किया। उन्होंने कहा कि एनडीबी आने वाले दशकों में अपने सदस्य देशों की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण और सार्थक भूमिका निभाएगा।
एनडीबी के बारे में
एनडीबी एक बहुपक्षीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा 2014 में ब्रिक्स के साथ-साथ दुनिया के अन्य ईएमडीसी में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने के उद्देश्य से की गई थी। इस बैंक का परिचालन 2015 में हुआ था जिसका मुख्यालय चीन के शंघाई में है। पिछले साल एनडीबी ने अपनी सदस्यता का विस्तार करते हुए चार देशों- बांग्लादेश, यूईए, मिस्र और उरुग्वे- को शामिल किया। एनडीबी ने भारत में अब तक 7.1 अरब डॉलर की 21 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।