पटना के दीघा और कंकड़बाग क्षेत्र में एसटीपी और सीवरेज नेटवर्क को विकसित करने के लिए डीके सीवेज प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (वीए टेक वाबाग की सहायक) और पीएफएस के बीच वित्तपोषण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। परियोजना में गंगा नदी के तट पर स्थित सबसे घनी आबादी वाले शहरों में एक पटना के दीघा और कंकड़बाग क्षेत्र में 150 एमएलडी क्षमता के सीवेज शोधन संयत्र के विकास के साथ 453 किलोमीटर का सीवरेज नेटवर्क विकसित किया जाना शामिल है। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें योजना, निर्माण, परिचालन और हस्तांतरण ( ‘डीबीओटी’ ) और हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) को मिलाया गया है।
दीघा और कंकड़बाग सीवरेज परियोजनाओं के अमल में आने से किसी भी अनुपचारित गंदे पानी को गंगा नदी में जाने से रोकने की नमामी गंगा योजना के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पटना शहर के सभी सीवेज क्षेत्रों को सीवरेज नेटवर्क और सीवेज शोधन क्षमता प्राप्त हो जाएगी। दीघा एसटीपी की क्षमता 100 एमएलडी और कंकड़बाग एसटीपी की क्षमता 50 एमएलडी होगी। पीएफएस एसटीपी के विकास के लिए लंबी अवधि के कर्ज के रुप में 85.84 करोड़ रुपये की पूंजी देने के लिए सहमत हो गया है। पीएफएस के द्वारा विकास के लिए एचएएम के अंतगर्त वित्तपोषित की जाने वाली ये दूसरी परियोजना है। इससे पहले एचएएम के अंतर्गत एक शहर-एक ऑपरेटर अवधारणा के अंतर्गत प्रयागराज सीवरेज योजना थी।
परियोजना में 453 किलोमीटर का सीवेज नेटवर्क डीबीओटी मॉडल के तहत तैयार किया जाएगा, जहां संविदात्मक भुगतान का 100 प्रतिशत निर्माण अवधि के दौरान दिया जाएगा। इसके विपरीत एचएएम के अंतर्गत एसटीपी के विकास के लिए, निर्माण लागत का 40 प्रतिशत 24 महीने की निर्माण अवधि के दौरान चुकाया जाएगा और शेष 60 प्रतिशत का भुगतान, ब्याज और संचालन एवं रखरखाव (ओएंडएम) लागत के साथ 15 साल की संचालन अवधि के दौरान तिमाही वार्षिक वृत्ति के रूप में होगा। डीकेएसपीपीएल एसटीपी और सीवरेज नेटवर्क दोनों के संपूर्ण विकास और 15 साल की रियायती अवधि के लिए संचालन के लिए जिम्मेदार होगी। संचालन अवधि के दौरान एसटीपी के द्वारा संशोधित किए गए अशुद्ध जल के लिए प्रदर्शन के प्रमुख संकेतकों (केपीआई) को पूरा करने के आधार पर भुगतान होगा।
नमामि गंगे योजना के अंतर्गत पटना में 1140.3 किलोमीटर लंबे सीवरेज नेटवर्क के साथ 350 एमएलडी सीवेज संशोधन क्षमता के विकास के लिए 11 सीवरेज योजनाएं ली गई हैं, जिनकी कुल लागत 3237 करोड़ रुपये है। बेउर (43 एमएलडी) और करमालीचक (37 एमएलडी) एसटीपी परियोजनाएं पूरी हो चुकी है, और 2020 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा इनका उद्घाटन किया जा चुका है। सैदपुर (60 एमएलडी) में एक अन्य एसटीपी परियोजना और साथ जुड़ा नेटवर्क हाल ही में पूरा हो चुका है। पटना से जुड़े हुए कस्बों जैसे दानापुर, फुलवारी शरीफ, और फतुहा में एसटीपी परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है।
समझौतों पर जलशक्ति मंत्रालय के सचिव श्री पंकज कुमार, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के डीजी श्री राजीव रंजन मिश्रा और एनएमसीजी के ईडी (प्रोजेक्ट्स) श्री अशोक कुमार सिंह की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। समारोह में मौजूद रहे अन्य गणमान्य व्यक्तियों में श्री पवन सिंह, एमडी पावर ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन, इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज और श्री रमन कुमार, एमडी ब्यूडको शामिल थे।