लखनऊ: प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने उ0प्र0 भवन एवं
अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 से आवर्त भवनों एवं अन्य निर्माण स्थलों का जीआईएस सर्वे कर लागत का एक प्रतिशत लेबर सेस वसूली में लापरवाही बरतने व गड़बड़ी करने वाली कम्पनियों के खिलाफ नोटिस जारी कर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शीघ्र कार्यवाही के लिए उप श्रम आयुक्त द्वारा इन कम्पनियों की जांच कर 2009 से इनके द्वारा की गयी उपकर वसूली की रिपोर्ट भेजी जाय। साथ ही इनको भुगतान किये गये पैसे की वसूली के लिए भी नोटिस जारी की जाय। जिन कम्पनियों के क्रियाकलाप ठीक नहीं हैं उनका एग्रीमेंट समाप्त कर ब्लैक लिस्टेड किया जाय। उन्होंने कहा कि मजदूरों का पैसा किसी को भी नहीं लूटने दिया जायेगा। श्रम उपकर का पैसा श्रमिकों के कल्याण में खर्च किया जायेगा।
श्रम मंत्री अपने सचिवालय कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंजीकृत निर्माण श्रमिक को पहचान कार्ड दिया जाय। इसी प्रकार दसवीं व बारहवीं कक्षा पास श्रमिक की पुत्रियों के लिए संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत साइकिल देने का प्राविधान हो, इसके लिए प्रस्ताव बनाकर अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जाय। साथ ही श्रमिकों की पुत्रियों के लिए 12 जिलों में संचालित बालिका आवासीय विद्यालयों की स्थिति जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाय, जिससे इन विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए व्यवस्था की जा सके।
श्रम मंत्री ने कहा कि श्रमिकों को खुले आसमान में न रहना पड़े इसके लिए प्रदेश के प्रमुख शहरों में श्रमिक आश्रय गृह का निर्माण शीघ्र कराया जाय और मोबाइल शौचालय की भी व्यवस्था कराई जाय। उन्होंने कहा कि कार्य के दौरान श्रमिक दुर्घटना का शिकार न हो, इसके लिए निर्माण एजेन्सियों द्वारा श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के लिए जरूरी निर्देश दिये जाएं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की पुत्र/पुत्रियों के विवाह के लिए आगामी माह से प्रत्येक जनपद में सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किये जाएं और इस प्रकार का पहला विवाह कार्यक्रम लखनऊ जनपद में आयोजित कराया जाय। इन कार्यक्रमों में कम से कम 500 जोड़ों का विवाह कराने का लक्ष्य निर्धारित करें। सरकार एक वैवाहिक जोड़े पर 75 हजार रूपये खर्च करती है।
श्रम मंत्री ने कहा कि श्रमिकों तथा इनके आश्रितों का कौशल विकास कराने पर भी ध्यान दिया जाय। कौशल विकास विभाग को इस मद में दिये गये 12.44 करोड़ रूपये का उपयोग किया गया कि नहीं इस सम्बंध में उपयोगिता प्रमाण पत्र भी संबंधित विभाग से प्राप्त किया जाय।