नई दिल्ली: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 2 से 5 अक्टूबर तक नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की पहली बैठक तथा हिन्द महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ (आईओआरए) के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों और वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश की दूसरी री-इनवेस्ट बैठक तथा एक्सपो 2018 का आयोजन करेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्टूबर को नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र महासिचव श्री अंतोनियो गुतेरेस की उपस्थिति में एक साथ इन तीनों आयोजनों का उद्घाटन करेंगे। इन बैठकों के कारोबारी और तकनीकी सत्र का आयोजन उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में किया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने 30 नवंबर, 2015 को पेरिस में की थी, जब वहां पेरिस जलवायु सम्मेलन चल रहा था।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली बैठक में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। ऐसी कोशिश की जाएगी कि सौर ऊर्जा किफायती दर पर लोगों को मिल सके। बैठक में सौर ऊर्जा से संबंधित वित्तीय, प्रशासनिक और क्रियान्वयन संबंधी मुद्दों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया जाएगा। गठबंधन में शामिल होने के लिए सहमति जताने वाले देशेां के ऊर्जा मंत्रियों को इसमें आमंत्रित किया गया है।
मंत्रालय के अनुसार अब तक 18 देशों के मंत्रिस्तरीय शिष्टमंडलों ने बैठक में शामिल होने के लिए सहमति भेज दी है। कई साझेदार संगठन और पर्यवेक्षक भी बैठक में सम्मिलित होंगे।
हिन्द महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ का गठन हिन्द महासागर क्षेत्र के देशों में सहयोग बढ़ाने और सतत विकास के लिए मिलकर प्रयास करने के उद्देश्य से किया गया है। इसमें 21 देश और 7 वार्ता साझेदार शामिल हैं। दिल्ली में आयोजित होने वाली इसकी दूसरी बैठक में सभी 21 देशों के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के शामिल होने की संभावना हैं। इन 21 देशों में भारत, ऑस्ट्रेलिया, ईरान, इंडोनेशिया, थाइलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, मोजाबिक, केन्या, श्रीलंका, तंजानिया, सिंगापुर, मॉरीशस, मैडागासकर, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, सेशल्स, सोमालिया, कोमरॉस और ओमान शामिल हैं।
दूसरे री-इनवेस्ट एक्सपो का आयोजन विभिन्न संगठनों को उनकी कारोबारी दक्षता, उपलब्धियों और अपेक्षाओं को दर्शाने का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसके जरिए देश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के बीच परस्पर समन्वय को सुगम बनाने की कोशिश की जाएगी। एक्सपो में आईएसए और आईओआरए के सदस्य देशों के अलावा दुनियाभर के 600 से ज्यादा उद्योगपतियों और 10,000 प्रतिनिधियों के भी हिस्सा लेने की संभावना है।