मुंबई: आज सिनेमाघरों में अनिल कपूर ऐश्वर्या राय बच्चन और राजकुमार राव की नई फिल्म फन्ने खां रिलीज हुई है। फन्ने खां का फर्स्ट-डे फर्स्ट -डे शो देखकर निकले दर्शकों के अनुसार यह फिल्म अच्छी है। दर्शकों ने बताया कि इस फिल्म से उन्हें खुद पर भरोसा करने की प्रेरणा मिलती है और हमेशा सपने देखने की सीख मिलती है। फिल्म बताती है कि सपने पूरे करने की सबसे पहली सीढ़ी सपने देखना होती है
अगर कलाकारों की अदाकारी की बात की जाए तो दर्शकों को अनिल कपूर का काम खूब भा रहा है। दर्शकों के अनुसार अनिल कपूर हमेशा ही अपनी अदाकारी से प्रभावित करते हैं और इस बार भी उन्होंने वो सिलसिला जारी रखा है। अपनी बेटी को स्टार बनाने का सपना देखने वाले बाप के किरदार में अनिल कपूर जान भर देते हैं। फिल्म का अंतिम सीन दर्शकों को खासा पसंद आ रहा है जो भावुक है।
फिल्म की कहानी प्रशांत शर्मा (अनिल कपूर) नाम के एक फैक्ट्री वर्कर की है जो बचपन से ही दूसरा मोहम्मद रफी बनने का सपना देखता था लेकिन जिंदगी के थपेड़ों ने उसे उसके मोहल्ले का फन्ने खां बना दिया है। प्रशांत को जीवन की इस कड़वी सच्चाई से परहेज नहीं है वो इसे भी कर स्वीकार करता है। उसके दिल में बड़ा गायक न बन पाने की कसक तो है लेकिन अब वो अपना सपना अपनी बेटी (पीहू) के माध्यम से जीना चाहता है। वो उसे दूसरी लता मंगेशकर बनाना चहता है।
उसके लिए यह इतना आसान नहीं है। इसके दो कारण हैं पहला यह कि उसकी बेटी लता उसे बिल्कुल पसंद नहीं करती है। लता को अपने पापा के ओल्ड फैशन म्यूजिक से दूर भागती है। उसे तो बेबी सिंह (ऐश्वर्या राय बच्चन) के गाने पसंद हैं आज की सुपरस्टार है। दूसरा कारण यह कि उसके पास अपनी बेटी को बड़ी गायिका बनाने के लिए पैसे नहीं है। वो उसके लिए फोन में गाने तो कम्पोज करता है लेकिन उन्हें असल रूप नहीं दे पाता है।
इन सभी परेशानियों से जूझने में उसका साथ उसकी पत्नी (दिव्या दत्ता) और दोस्त अधीर (राजकुमार राव) देते हैं। अब प्रशांत अपनी बेटी को बड़ी गायिका बना पाता है या नहीं ? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।