नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने अनेक क्षेत्रों से प्राप्त अनुरोधों पर विचार करने के बाद इसी साल यानी 2015 से देशभर में हर साल 7 अगस्त को ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 7 अगस्त, 2015 को चेन्नई में प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का शुभांरभ किया जाएगा। वर्ष 2012, 2013 और वर्ष 2014 के लिए संत कबीर पुरस्कार एवं राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे और उच्च गुणवत्ता वाले हथकरघा उत्पादों का विपणन बेहतर ढंग से करने के लिए इस अवसर पर एक नया भारतीय हैंडलूम (इंडिया हैंडलूम) ब्रांड लांच किया जायेगा।राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाये जाने के फलस्वरूप हमारी समृद्ध विरासत एवं संस्कृति के एक अंग के रूप में हथकरघा उद्योग की अहमियत के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। यही नहीं, राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाये जाने से हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और बुनकरों की आमदनी के साथ-साथ उनका विश्वास तथा गौरव भी बढ़ेगा। पिछली हथकरघा गणना के मुताबिक भारत में 43 लाख से भी ज्यादा व्यक्ति हथकरघे की बुनाई एवं उससे संबंधित गतिविधियों में संलग्न हैं। यह उद्योग ग्रामीण आबादी के एक बड़े हिस्से खासकर महिलाओं और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों के लिए आजीविका का एक स्रोत है। इसके अलावा यह उद्योग हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं परम्पराओं का भी एक अहम हिस्सा है।
सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया गया है कि वे समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देते हुए देशभर में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को मनाने की कारगर व्यवस्था करें।