इस्लामी कैलेंडर में सबसे पवित्र माने जाने वाले रमजानुल मुबारक की शुरुआत मंगलवार से हो रही है. इसी दिन देश के अधिकतर हिस्सों में इसका पहला रोजा रखा जाएगा. इसके मद्देनजर बाजार काफी गुलजार दिखाई दे रहे हैं. विशेषकर पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में तो इसकी रौनक देखते ही बनती है.
बीते रविवार को शाबान की 29 तारीख थी और इस दिन देशभर में चांद देखने के खास प्रबंध किए गए थे. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी मरकजी रुयते हिलाल कमेटी जामा मस्जिद, मरकजी रुयते हिलाल कमेटी फतेहपुरी मस्जिद, इमारते शरीअते हिंद और मरकजी जमीअत अहले हदीस जैसे संगठनों ने भी चांद देखने के लिए बंदोबस्त किए थे. अलबत्ता कहीं से चांद नहीं देखे जाने की सूचना के बाद 30 का चांद मानकर अधिकतर हिलाल कमेटियों की तरफ से मंगलवार से पहले रोजे का ऐलान किया गया है.
रमजानुल-मुबारक के आने के साथ ही बाजारों में इसकी रौनकें भी बढ़ गई है. इफ्तार और सेहरी में इस्तेमाल किए जाने वाले विशेष पकवानों और खाने-पीने की चीजों से बाजार भरा पड़ा है. खास कर दिल्ली की जामा-मस्जिद के इर्द-गिर्द खजूर, सूत फेनी, खजले के अलावा फल और सूखे मेवों से दुकानें सजी हैं. माहे रमजान की चांद रात को इन बाजारों में लोगों की काफी भीड़ दिखाई दी और लोग सेहरी एवं इफ्तार की तैयारियों के लिए जमकर खरीदारी करते नजर आए.