नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने गुवाहाटी के प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय में असम में कृषि-बागवानी क्षेत्र के विकास पर समीक्षा करने के लिए एक बैठक आयोजित की। मंत्री महोदय ने राज्य में कृषि से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों के क्रियाकलापों की समीक्षा की।
राज्य में सहकारी सहकारिता विकास की समीक्षा करने के बाद, मंत्री महोदय ने कहा कि केन्द्रीय सरकार राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के माध्यम से असम में सहकारी विकास में तेजी लाने के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों (2014-2018) में निगम ने राज्य के लिए कुल 55.46 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं जिसमें से 11.06 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि 2010-2011 से 2013-14 के पिछले चार वर्षों के दौरान केवल 0.90 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी तथा राज्यों को 0.20 करोड़ रुपये ही संवितरित किए गए थे।
मंत्री महोदय ने बैठक में सूचना दी कि राज्य में मछली और मछली के बीजों के उत्पादन में पिछले दो वर्षों में क्रमश: 10.06 प्रतिशत एवं 43.79 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि 2014-2016 के दौरान मछली के 576 हजार टन उत्पादन के मुकाबले 2016-18 में 634 हजार टन मछली का उत्पादन हुआ। मंत्री महोदय ने कहा कि मछली के बीज के उत्पादन के मामले में राज्य ने 2016-2018 में 14,738 मिलियन एफआरवाई का उत्पादन किया जो पिछले दो वर्षों की तुलना में 43.79 प्रतिशत अधिक है। मंत्री महोदय को यह भी बताया गया कि दूध के उत्पादन में पिछले दो वर्षों के मुकाबले 2016-18 में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
मंत्री महोदय ने कृषि-बागवानी के सभी क्षेत्रों की समीक्षा करते हुए कहा कि सारी जारी निधियों का समुचित रूप से एवं सही समय पर उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने योजनाओं के प्रचार तथा इसे किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। राज्य में मछली उत्पादन की समीक्षा करते हुए श्री सिंह ने जोर देते हुए कहा कि सरकारी बाजार को भी बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
मंत्री महोदय ने कहा कि केन्द्र सरकार का किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य अर्जित किया जाएगा और राज्य में समग्र समृद्धि प्राप्त की जाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रयासों का अनुपूरण करते हुए राज्य सरकार ने सम्पूर्ण राज्य के लिए एक समेकित सहकारी विकास परियोजना लागू की है। श्री सिंह ने कहा कि इस परियोजना की लागत लगभग 6,000 करोड़ रुपये है जिसके तहत कृषि, जैविक खेती, बागवानी, पशु पालन, मछली पालन, भंडारण एवं शीत भंडारण, कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण आदि जैसे सभी संभावित क्षेत्र शामिल किए जाने हैं।
असम सरकार के कृषि, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री अतुल बोरा, अपर मुख्य सचिव श्री वी. एस. भास्कर; कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री पवन कुमार बार्ताकुर एवं केन्द्र तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी आज की बैठक में उपस्थित थे।